राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर) द्वारा जारी किए आजादी के अमृत महोत्सव के पोस्टर में पंडित जवाहर लाल नेहरू की तस्वीर नहीं लगाए जाने पर सीएम अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया। गहलोत ने कहा कि नेहरू की तस्वीर न लगाना ना सिर्फ निंदनीय है बल्कि केन्द्र सरकार की छोटी सोच का प्रदर्शन भी है।
उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई लड़ने एवं आधुनिक भारत की नींव रखने के लिए जान लगा देने वाले पंडित नेहरू के योगदान को कमतर दिखाने के कुप्रयास का खामियाजा भाजपा सरकार को भुगतना पड़ेगा और समय आने पर देश मोदी सरकार को सबक सिखाएगा। गहलोत बोले कि पंडित नेहरू आजादी की लड़ाई के दौरान 9 बार जेल गए।
उन्होंने जीवन के 3259 दिन (करीब 9 साल) जेल में गुजारे। गहलोत ने कहा कि नेहरू परिवार के सभी सदस्यों मोतीलाल नेहरू, स्वरूप रानी नेहरू, जवाहर लाल नेहरू, कमला नेहरू, विजयलक्ष्मी पंडित, कृष्णा नेहरू एवं इन्दिरा प्रियदर्शनी नेहरू का आजादी की लड़ाई में बड़ा योगदान रहा है। उनके पिता मोतीलाल नेहरू ने अपना घर आनंद भवन भी क्रांतिकारियों के लिए दे दिया था। मोतीलाल नेहरू ने स्वराज पार्टी बनाकर आजादी की लड़ाई को आगे बढ़ाया। आजाद हिन्द फौज के तीन प्रमुख कमांडरों सहगल, ढिल्लन और शाहनवाज पर अंग्रेजों ने मुकदमा चलाया तो नेहरू ने अन्य वकीलों के साथ वकालत करते हुए सैनिकों के मृत्युदंड को माफ करवाया।
गहलोत ने कहा कि विनायक दामोदर सावरकर ने जेल जाने के एक साल बाद में ही अंग्रेजों से माफी मांगना शुरू कर दिया था और कुल छह बार माफी मांगी एवं जेल से रिहा होने के बाद ब्रिटिश एजेंट बनकर काम किया। वहीं पंडित नेहरू फौलाद की तरह अंग्रेजों के सामने खड़े रहे और भारत को आजादी दिलाकर अपना संकल्प पूरा किया। उन्होंने कहा कि सावरकर ने आजाद हिन्द फौज के खिलाफ ब्रिटिश सरकार की तरफ से लड़ने के लिए युवाओं को ब्रिटिश फौज में भर्ती करवाया।