मुख्यमंत्री रुपाणी ने बताया कि गुजरात के शहरों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के आधुनिक शहर बनाने के लिए यहां भी दुबई व सिंगापुर की तरह स्कायस्क्रेपर्स-टॉल आइकोनिक बिल्डिंगों का निर्माण आवश्यक है।
दो सौ से अधिक शहरों की टाउन प्लानिंग को सरल व आधुनिक बनानेके बाद अब अहमदाबाद, गांधीनगर, सूरत, वडोदरा व राजकोट में 70 मंजिल से भी अधिक उंचाई वाली स्कायस्क्रेपर्स-टॉल आइकोनिक बिल्डिंग को मंजूरी दे दी गई है। सिंगापुर व दुबई की तरह अब गुजरात में भी गगनचुंबी इमारतें नजर आ सकेंगी। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने पांच महानगरों में 70 मंजिल से भी लंबी स्कायस्क्रेपर्स-टॉल आइकोनिक बिल्डिंग के निर्माण को मंजूरी दे दी है। भाजपा अध्यक्ष पाटिल ने जहां इसे गरीबों को सस्ते आवास दिलाने में अहम बताया वहीं कांग्रेस ने इसे भ्रष्टाचार व मध्य वर्ग की उपेक्षा वाला फैसला बताया। रूपाणी ने बताया कि राज्य में हाल 22 व 23 मंजिला इमारतों की मंजूरी थी इससे एक कदम आगे जाते हुए अब आईकोनिक स्ट्रक्चर के निर्माण की छूट दे दी गई है।
इसके निर्माण के लिए स्ट्रक्चर, टेक्निकल, फायर सेफ्टी की मंजूरी के लिए मुंबई की तरह एक विशेष तकनीकी टीम का गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की बढती आवक, रोजगार के साधनों की उपलब्धता के चलते जमीनों के भाव लगातार बढ़ रहे हैं इसलिए अफोर्डेबल आवास उपलब्ध कराने में आईकोनिक बिल्डिंग मददगार होगी। सौ मीटर से अधिक ऊंचाई वाली बिल्डिंग पर ये नियम लागू होगा तथा ये 30 मीटर चौडाई वाले रास्ते पर ही बन सकेगी।
विंड टनल टेस्ट आवश्यक होगा,पार्किंग में इलेक्ट्रिक चार्जिंग अनिवार्य व डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान जरुरी होगा। भाजपा अध्यक्ष सी आर पाटिल ने जहां इसे लोगों को सस्ते आवास उपलब्ध कराने में मील का पत्थर बताया है। पाटिल ने कहा सरकार की इस योजना से गरीब परिवारों को शहरों में कम कीमत पर आवास मिल सकेगा। वहीं कांग्रेस ने इसे भ्रष्टाचार भाजपा के फंड दाताओं को एक भेंट की संज्ञा दी है।
प्रवक्ता मनीष दोशी का कहना है कि भाजपा अपने दानदाताओं को खुश करने के लिए वर्टिकल के बाद अब हॉरिजोंटल भ्रष्टाचार का मार्ग खोल रही है।