विपक्ष ने आरोप लगाया है कि मांग से ज़्यादा बीयर एक कंपनी को फ़ायदा पहुंचाने के लिए ख़रीदी गई है। आबकारी मंत्री की जानकारी के बिना ये ख़रीदी की गई है।
रायपुर: विधानसभा के तीसरे दिन की कार्यवाही शुरू हुई। शराब मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्षी विधायकों के बीच जोरदार बहस हुई। वहीं नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने आबकारी मंत्री से पूछा कि प्लेसमेंट एजेंसी नियुक्त करने का मापदंड क्या है?
किसी प्लेसमेंट एजेंसी के ख़िलाफ़ FIR क्यों नहीं कराई ? प्लेसमेंट एजेंसी सरकार को राजस्व का चूना लगा रहे हैं। इस पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने जवाब दिया कि प्लेसमेंट एजेंसी के 700 कर्मचारियों को बाहर निकाला गया है।
गड़बड़ी करने वाले प्लेसमेंट एजेंसी के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी।
कांग्रेस विधायक धनेंद्र साहू ने श्रम मंत्री से सवाल किया है। कोरोनकाल में कितने मजदूर पलायन से लौटे ?
जिसका जवाब देते श्रम मंत्री ने कहा कि 6 लाख 37 हजार मजदूर वापस लौटे हैं, साथ ही बताया कि आवागमन में 14 करोड़ 8 लाख 45 हजार खर्च हुए हैं। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने श्रम मंत्री को निर्देश दिए, किन गांवों से कितने मजदूर बाहर गए हैं,कौन ठेकेदार लेकर गए इसकी जानकारी मंगाए।
वहीं कांग्रेस विधायक संतराम नेताम ने आबकारी मंत्री से कहा कि बस्तर में मांग अनुसार शराब की ब्रांड नहीं मिल रही है। दूसरे ब्रांड का शराब पीने मजबूर किया जा रहा है । जिस पर आबकारी मंत्री ने कहा कि जिस ब्रांड की मांग होगी वह उपलब्ध कराएंगे।