बता दें कि रायगढ़ जिले के खरसिया ब्लॉक के ग्राम पंचायत तायंग निवासी संत राम पटेल बीपीएल हितग्राही है।
बिलासपुर (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): इस पूरे मामले में पता लगा कि गांव में बहुत से लोगों के घर पर शौचालय नहीं बने थे। उधर कलेक्टर रायगढ़ ने इस पंचायत को ओडीएफ यानी खुले में शौचालय मुक्त गांव घोषित कर दिया। इसे खिलाफ संतराम ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। शौचालय का निर्माण पूरा हुए बिना रायगढ़ जिले के तायंग ग्राम को ओडीएफ घोषित करने के मामले में अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट ने राज्य शासन से कहा है कि वह कलेक्टर को दिशा निर्देश जारी करें। उनके घर में शौचालय नहीं है। इसके लिए उन्होंने ग्राम पंचायत व पंचायत सचिव को आवेदन दिया था।
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को 30 दिन के भीतर अभ्यावेदन देने और कलेक्टर को इस पर 4 महीने के भीतर निर्णय करने का निर्देश जनवरी 2020 को जारी किया गया था। इस में शौचालय निर्माण इस योजना की जांच की मांग की गई थी।
मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस पी. सैम.कोशी की सिंगल बेंच ने अतिरिक्त महाधिवक्ता विवेक रंजन तिवारी से कहा कि शासन की ओर से कलेक्टर रायगढ़ को स्पष्ट दिशा-निर्देश मामले में जारी किया जाए। 8 महीने तक कोई कार्रवाई नहीं होने पर कलेक्टर के विरुद्ध अवमानना याचिका दाखिल की गई।