कॉलोनीवासियों का आरोप है कि वन विभाग तेंदुओं की धरपकड़ को लेकर जो भी कार्यवाही करता है वह सिर्फ दिखावे के लिए होती है। ट्रैप कैमरे भी निकल चुके हैं और पिंजरे भी, सिर्फ कर्मचारी गश्त करते हैं, लेकिन वे भी बड़े वाहनों में होते हैं, उनकी आवाजें सुनकर तेंदुए छिप जाते हैं।

ठाकुरताल की पहाड़ी पर बसे तेंदुओं के नयागाँव सोसायटी की तरफ बढ़ते हुए मूवमेंट से लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। सोमवार की सुबह रमाकांत नाम के चौकीदार ने यह दावा करके चौंका दिया कि उसने तीन जवान तेंदुओं के साथ दो शावकों को एक कुत्ते का शिकार करते हुए अपनी आँखों से देखा है। नयागाँव सोसायटी से लगे साईं नगर जाने वाले मार्ग पर हुई इस घटना की जानकारी रमाकांत ने सोसायटी अध्यक्ष रजत भार्गव को दी। श्री भार्गव का कहना है कि रमाकांत वही शख्स है, जिसने दिसम्बर 2019 में सबसे पहले तेंदुए को करीब से देखा था और उसकी ही निशानदेही पर ठाकुरताल में तेंदुओं के बसने की अधिकृत पुष्टि हुई थी। चार-पाँच महीने शांत रहने के बाद तेंदुओं का मूवमेंट नयागाँव सोसायटी की तरफ फिर से होने के कारण रहवासियों में दहशत का माहौल बना हुआ है। कॉलोनीवासियों का आरोप है कि वन विभाग तेंदुओं की धरपकड़ को लेकर जो भी कार्यवाही करता है वह सिर्फ दिखावे के लिए होती है। ट्रैप कैमरे भी निकल चुके हैं और पिंजरे भी, सिर्फ कर्मचारी गश्त करते हैं, लेकिन वे भी बड़े वाहनों में होते हैं, उनकी आवाजें सुनकर तेंदुए छिप जाते हैं।