जबलपुर, राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। नगर निगम प्रशासन शहरी क्षेत्र स्थित अवैध निर्माण व संपत्तियों को खोजने व हटाने की कार्रवाई लगातार कर रहा है। इस कार्रवाई से निगम प्रशासन बड़ा राजस्व जमा करने में सफल हो रहा है। बावजूद इसके कैंट बोर्ड प्रशासन इस तर्ज पर कोई कार्रवाई करने के मूड में नहीं है। जबकि कैंट के सभी आठ वार्डों में कई अवैध निर्माण व संपत्तियां हैं सैन्य प्रशासन के अधीन नगरीय निकाय कैंट बोर्ड सभी आठ वार्डों में विकासकार्य करके जनसुविधाएं बनाने पर बड़ी राशि खर्च करता है। बोर्ड प्रशासन भी नगर निगम की तरह विकास कार्य करने के लिए नागरिकों से जलकर, संपत्तिकर, प्रवेशकर, भवन निर्माण व नक्शा स्वीकृति शुल्क आदि की वसूली करके राजस्व जमा करता है। नागरिकों की मानें तो शहरी क्षेत्र की तरह कैंट क्षेत्र में भवन निर्माण करना आसान नहीं है। इसलिए कैंट के सभी वार्डों में अधिकांश नागरिकों ने बोर्ड प्रशासन की बिना अनुमति के भवन निर्माण कराया है। शहरी क्षेत्र में नगर निगम की कार्रवाई लगातार चल रही है, जिससे कैंट क्षेत्र में अवैध निर्माण करने वाले दहशत में हैं।
मोदीवाड़ा के विशाल यादव, महावीर कंपाउंड के पीटर ईसाई, सदर बाजार के अरुण पासी बताते हैं कि कैंट बोर्ड कार्यालय में विधिवत जलकर, संपत्तिकर और भवन निर्माण शुल्क जमा करने वाले कुछ लोग ही हैं। यहां के ज्यादातर लोगों ने कैंट बोर्ड की अनुमति के बिना निर्माण कार्य किए हैं, जिसका वह वार्षिक कर भी जमा नहीं करते। नागरिकों का कहना है कि न्यायालय के आदेश पर कैंट बोर्ड ने करीब 25 हजार मतदाताओं को अतिक्रमणकारी मानकर उनके नाम मतदाता सूची से हटा दिए। अब कैंट की मतदाता सूची में सिर्फ वास्तविक मतदाताओं के नाम शेष बचे हैं। इन सभी मतदाताओं के परिवारों को नियमत: कैंट क्षेत्र की सुविधाओं का उपयोग करने के बदले बराबर शुल्क देना चाहिए। इसलिए कैंट बोर्ड प्रशासन को सभी 8 वार्डों में अवैध निर्माण व संपत्तियों को खोजने, हटाने, जुर्माना सहित राशि वसूल करने की कार्रवाई करना चाहिए।





