पालतू कुत्ता है, वे उसे दिन में दो बार बाहर घुमाने निकलें और कम से कम 1 घंटे जरूर बाहर घुमाएं। इस नियम से जर्मनी में नई बहस छिड़ गई है। बता दें जर्मनी में 94 लाख पालतू कुत्ते हैं। कृषि मंत्री जूलिया लॉकनर ने कहा है कि विशेषज्ञों से राय लेकर सरकार यह कानून बनाने जा रही है।
एक बड़े अखबार ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उसे मूर्खतापूर्ण बताया है। जबकि वीडीएच जर्मन डॉग एसोसिएशन के प्रवक्ता उडो कॉपरनिक ने कहा है सरकार के फैसले पर कुत्ते पालने वाले ज्यादातर लोग हंस रहे हैं, क्योंकि वे पहले से ही अपने इस प्यारे दोस्त को ज्यादा समय देते हैं। फैसला अच्छी सोच से लिया गया है लेकिन यह लागू किए जाने लायक नहीं है।
उन्होंने कहा, पालतू कुत्ते कोई खिलौना नहीं हैं। उनकी भी कुछ जरूरतें हैं। वे भी कुछ समय खुले में रहना चाहते हैं। उनके लिए यह व्यायाम जैसा होगा। उल्लेखनीय है कि जर्मनी में कुत्ते पालने का चलन है और हर पांच घरों में से कम से कम एक में हाउंड प्रजाति का कुत्ता पला होता है। सरकार के इस फैसले के चलते देश की बड़ी आबादी को मुश्किलें बढ़ने का अंदेशा पैदा हो गया है।
लोग कुत्तों को पाल तो लेते हैं, कुछ दिन बाद उनकी पहवाह करना बंद कर देते हैं। पालतू होने के बाद भी कुत्तों का विशेष ख्याल रखना जरूरी होती है। इस दिशा में अब जर्मनी की सरकार कानून बनाने जा रहा है। डॉग ट्रेनर अंजा स्ट्रीजेल के अनुसार किसी पालतू कुत्ते को एक्सरसाइज कराने के लिए उसके स्वास्थ्य, उम्र और नस्ल के हिसाब से अलग-अलग मानदंड हैं। इन्हें किसी एक नियम से नहीं बांधा जा सकता।