राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । दुनिया के जिन देशों ने महामारी से अब तक खुद को बचाए रखा था, अब वहां कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने लगा है। आलम यह है कि वहां अब तक के रिकॉर्ड मरीज मिलने शुरू हो गए हैं। इनमें न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इजरायल, फिनलैंड और वियतनाम जैसे देश शामिल हैं।
दुनिया में जब कोरोना महामारी पैर पसार रही थी, तब इन देशों में इक्का-दुक्का ही मरीज मिल रहे थे। कोरोना प्रसार को रोकने, उसकी टेस्टिंग और ट्रेसिंग को लेकर ये देश दुनिया में चर्चा का विषय रहे थे। लेकिन अब यहां हालात बेकाबू हो गए हैं।
इजरायल में शनिवार को कोरोना के 12,013 मरीज मिले। यह संख्या 18 महीने में सबसे ज्यादा है। यहां पहला मरीज 21 फरवरी 2020 को मिला था। खास बात यह है कि अपनी 50% आबादी को वैक्सीन लगाने के बाद इजरायल ने सबसे पहले खुद को मास्क फ्री घोषित कर दिया था। हालांकि, मरीज बढ़ने पर उसे सार्वजनिक स्थलों पर मास्क अनिवार्य करना पड़ा था।
दूसरी तरफ, ऑस्ट्रेलिया में 1,122 मरीज मिले, जो 19 महीनों में सबसे ज्यादा हैं। यहां पिछले साल 25 जनवरी को पहला मरीज मिला था। न्यूजीलैंड में 16 महीने बाद सर्वाधिक 83 मरीज मिले। इसके अलावा वियतनाम में एक दिन में मिलने वाले मरीजों की संख्या 16 हजार और फिनलैंड में 1,000 हजार को पार कर गई है।
इसे लेकर डब्ल्यूएचओ ने चिंता जाहिर की है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि इन देशों में कोरोना का डेल्टा वैरिएंट घातक साबित हो रहा है। इन देशों में मिलने वाले 95 फीसदी मरीज डेल्टा वैरिएंट के ही हैं।
इजरायली सरकार ने एक साल से बंद स्कूलों को एक सितंबर से खोलने का फैसला लिया है। लेकिन कोरोना के बढ़े मरीजों ने चिंता बढ़ा दी है। शिक्षा मंत्री यिफत शाशा का कहना है कि कोरोना को रोकने के लिए नई पाबंदियों और लॉकडाउन पर विचार हो सकता है। लेकिन फैसला पीएम नफ्ताली बैनेट लेंगे।
ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में लॉकडाउन और सख्त कर दिया गया है। ऑस्ट्रेलिया में लॉकडाउन लंबे समय से लगा है। जबकि न्यूजीलैंड में 12 दिन पहले एक मरीज मिलने के बाद लॉकडाउन लगा था। इसके बावजूद यहां केस बढ़े, जिसके बाद सरकार लॉकडाउन बढ़ाने के साथ-साथ उसे और सख्त करती जा रही है।
इजरायल, फिनलैंड और न्यूजीलैंड में तेजी से टेस्टिंग भी हो रही है। इजरायल अव्वल है। उसकी आबादी 91 लाख है, लेकिन वह 1.89 करोड़ टेस्ट कर चुका है। वहीं 55 लाख की आबादी वाले फिनलैंड में 65 लाख टेस्ट किए जा चुके हैं। जबकि 49.2 लाख की आबादी वाला न्यूजीलैंड 29 लाख टेस्ट कर चुका है।
दावा है कि इजरायल, ऑस्ट्रेलिया व वियतनाम में वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार से कोरोना के केस बढ़े हैं। इजरायल में पाबंदियां हटने के बाद लोगों की लापरवाही भी बड़ी वजह मानी जा रही है। इजरायल अपनी 60% आबादी को वैक्सीन के दोनों डोज लगा चुका है। जबकि उसने 10% आबादी को वैक्सीन लगाने में डेढ़ माह का समय लिया।