फाइबर केबल चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर तक समुद्र के अंदर बिछाई गई है। इसे पोर्ट ब्लेयर के अलावा अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के 6 अन्य द्वीप स्वराज द्वीप, लिटिल अंडमान, कार निकोबार, कामरोता, ग्रेट निकोबार, लॉन्ग आइलैंड, रंगत में भी पहुंचाया जाएगा, जिससे पूरे अंडमान निकोबार को हाई स्पीड इंटरनेट मिल पाएगा।
ताड़ के पेड़, सफेद रेत वाले खूबसूरत समुद्री तटों और उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों के लिए अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह पूरी दुनिया में मशहूर है। प्रकृति की गोद में बसा यह आइलैंड हर किसी को आकर्षित करता है। इस परियोजना का क्रियान्वयन भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने किया, जबकि टेलीकम्युनिकेशंस कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड (TCIL) तकनीकी परामर्शदाता थी। BSNL द्वारा 24 महीने से कम समय के रिकॉर्ड समय में केबल बिछाने का काम किया गया। भारत में अपनी तरह की पहली परियोजना होने के नाते BSNL ने कहा कि गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने का कार्य वैश्विक विनिर्देशों के अनुसार पूरा किया गया है।
बता दें कि पीएम नरेद्र मोदी ने 30 दिसंबर, 2018 को चेन्नई-अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह परियोजना (CANI) की शुरुआत की थी। इस परियोजना के तहत समुद्र के भीतर 2,312 किलोमीटर की ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई गई है। इस पर करीब 1,224 करोड़ रुपये की लागत आई है। उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने कहा कि अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में OFC कनेक्टिविटी के कारण इन द्वीपों पर 4G मोबाइल सेवाओं को बढ़ावा मिलेगा। इससे टेली-एजुकेशन, टेलीहेल्थ, ई-गवर्नेंस सर्विसेज और द्वीपों पर पर्यटन जैसी डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में कनेक्टविटी अच्छी होने से यहां के लोगों के जीवन और शिक्षा के स्तर में सुधार आएगा और रोजगार के अवसर पैदा होंगे। पीएम मोदी ने कहा कि बेहतर नेट कनेक्टिविटी आज किसी भी पर्यटन स्थल की पहली प्राथमिकता बन गई है। इस क्षेत्र में कनेक्टविटी के बेहतर होने से पर्यटन के क्षेत्र में कई अवसर पैदा होंगे।
Airtel ने आखिरकार अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह के लिए अल्ट्रा-फास्ट 4G लॉन्च कर दिया है। इस तरह Airtel इन द्वीपों में हाई स्पीड 4G सेवाओं की शुरुआत करने वाला पहला निजी टेलीकॉम ऑपरेटर बन गया है। बता दें कि Airtel 2005 से ही अंडमान में लोगों को नेटवर्क से जुड़ी सेवाएं दे रहा है।
जब शेष भारत में लगभग एक दशक से 4G है, केंद्र शासित प्रदेश अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह में अभी भी 3G नेटवर्क का इस्तेमाल किया जा रहा था।