लगातार एक हफ्ते तक भारत में इन दो देशों की तुलना में हर दिन अधिक नए केस रिपोर्ट हुए. महामारी की शुरुआत के बाद पहली बार, भारत के दैनिक नए केसों का सात दिन का औसत अमेरिका या ब्राजील से ऊंचा है.
पिछले कुछ हफ्ते से जो यह सवाल पूछा जा रहा था, उसका अब जवाब मिल गया है- भारत महामारी का ग्लोबल इपिसेंटर बन गया है. क्या भारत कोरोना महामारी को लेकर अपने रिकॉर्ड को दुरुस्त कर सकता है या यह दुनिया का सबसे बड़ा कोविड-19 हॉटस्पॉट बनने जा रहा है, महामारी की शुरुआत के बाद पहली बार, भारत के दैनिक नए केसों का सात दिन का औसत अमेरिका या ब्राजील से ऊंचा है. लगातार एक हफ्ते तक भारत में इन दो देशों की तुलना में हर दिन अधिक नए केस रिपोर्ट हुए.
हफ्ते के शुरुआती दिन को छोड़ दें तो फिर हफ्ते के बाकी सारे दिन केसों की संख्या बढ़ती रहती है. इसलिए अगर सिर्फ एक दिन की तुलना की जाए तो उससे भ्रामक नतीजे मिल सकते हैं. ऐसे में साप्ताहिक औसत अधिक विश्वसनीय है. हालांकि, साप्ताहिक औसत एक अहम पैमाना है, लेकिन जैसा कि अमेरिका, ब्राजील और कुछ हद तक भारत में देखा गया है कि हर हफ्ते की शुरुआत में केसों की संख्या में गिरावट आती है. संभवत: ये इस बात का नतीजा है कि हफ्ते के अंत वाले दिन टेस्टिंग लैब्स बंद रहती हैं.
ग्राफ में भारतीय रेखा लगातार ऊंची रही है. यह महामारी की शुरुआत से ही बिना विराम लिए बड़ी होती गई है. तीन देशों का ग्राफ बताता है कि ब्राजील ने जुलाई के आखिर तक वक्र को समतल करना शुरू कर दिया था, वहीं अमेरिका ने उसी समय के आसपास अपनी दूसरी लहर को उलटने की शुरुआत की. 11 अगस्त को, जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (JHU CCSE) के मुताबिक भारत में हर दिन 60,000 से अधिक नए केसों का साप्ताहिक औसत रहा, जो कि अमेरिका और ब्राजील से ऊपर था.
भारत में वर्तमान रुझानों से पता चलता है कि हर दिन रिकॉर्ड होने वाले नए केसों की संख्या केवल बढ़ रही है. हालांकि भारत ने अब तक मौतों की संख्या कम रखने में अमेरिका और ब्राजील की तुलना में बेहतर काम किया है. लेकिन रुझानों से इस स्थिति का बदल जाना भी तय है.
अमेरिका अपनी दूसरी लहर के बाद रिकवरी की ओर बढ़ रहा हो सकता है. भारत ने इस मामले में भी कोई गिरावट या ठहराव नहीं देखा है, इसके विपरीत, दैनिक रिपोर्ट में होने वाली मौतें बढ़ती जा रही हैं. ब्राजील में होने वाली मौतों का साप्ताहिक औसत समतल हुआ है.
जल्द ही भारत, दो अन्य देशों को पार कर सकता है जो वर्तमान में हर दिन भारत से अधिक मौतें रिपोर्ट कर रहे हैं. इपिसेंटर के तौर पर भारत की स्थिति अब स्थापित है, लेकिन वक्र को समतल करने में ये कितना समय लगेगा, यह अभी तक साफ नहीं है.
ब्राजील और मैक्सिको के बाद कुल मौतों में 50,000 का आंकड़ा पार करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बना.