उन्होंने कई वरिष्ठ पदाधिकारियों से भी मुलाकात की। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद यह उनका पहला नागपुर दौरा था।
यहां उन्होंने संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बातचीत की। हालांकि वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ उन्होंने क्या बातचीत की इसके बारे में न तो उन्होंने, न ही भाजपा के किसी नेता ने और न ही संगठन के पदाधिकारियों ने कुछ भी बताया। राज्यसभा सांसद और भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली बार मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नागपुर में स्थित मुख्यालय पहुंचे। सर संघचालक डॉक्टर मोहन भागवत के साथ चर्चा करने के बाद वे दिल्ली लौट आए।
यह एक प्रेरणादायक स्थल है जो देश की सेवा करने के लिए मुझे उर्जा प्रदान करता है। यह लोगों के लिए प्रेरणा का स्थान है।
इसके बाद वो महल स्थित आरएसएस के मुख्यालय गए। नागपुर पहुंचने पर सिंधिया ने सबसे पहले आरएसएस के संस्थापक केबी हेडगेवार के आवास का दौरा किया। इसके बाद वे हेडगेवार स्मृति भवन गए। मीडिया से बात करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि यह स्थान केवल एक निवास नहीं है।
एक दिन जब मैंने अपने पिता को खो दिया और कल जब मैंने अपने जीवन के लिए नया रास्ता चुनने का फैसला किया। इस साल मार्च में कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल होने के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि कांग्रेस अब पहले वाली पार्टी नहीं रही। उन्होंने कहा कि उनके लिए दो घटनाएं जीवन परिवर्तन जैसी थी।
मैं भाजपा का कार्यकर्ता हूं और किसी अन्य राजनीतिक दल के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करना सही नहीं होगा। राज्यसभा सांसद ने मंगलवार को कांग्रेस पार्टी में जारी नेतृत्व संकट पर प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया। उन्होंने कहा, ‘यह कांग्रेस पार्टी का आंतरिक मामला है। मैं इस पर टिप्पणी नहीं करूंगा।