भारत की ओर से पाकिस्तान के लिए कहा गया कि उसका कपटपूर्ण चरित्र आसानी से समझा जा सकता है। वह एक तरफ तो शांति की बात करता है वहीं दूसरी तरफ आतंकियों के साथ साठगांठ रखता है।
जेनेवा (स्विटजरलैंड): संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में भारत ने गुरुवार को पाकिस्तान को जमकर फटकार लगाई। जवाब देने के अधिकार का प्रयोग करते हुए पाक को एक असफल देश बताते हुए भारत ने कहा कि उसे लोकतांत्रिक मूल्यों और संस्कृति की कोई परवाह नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान के बेबुनियाद तथ्यों पर आधारित बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया में विदेश मंत्रालय के प्रथम सचिव विमर्श आर्यन ने कहा कि भारत के आंतरिक मामलों और परिषद के दायरे के बाहर के मुद्दों पर पाकिस्तान को बेवजह राग अलापते देखना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान न केवल अपने देश के धार्मिक व जातीय अल्पसंख्यकों के लिए खतरा है बल्कि कब्जाए हुए इलाकों में भी अलग धर्म मानने वालों का दमन कर रहा है। अगर विश्व बिरादरी ने इसकी हरकतों पर रोक नहीं लगाई तो यह अंतरराष्ट्रीय शांति और सद्भाव के लिए भी गंभीर चुनौती बन जाएगा। पाकिस्तान की हुकूमत दुर्भावनापूर्ण मंशा से काम करती है। उसका यह रवैया उन सिद्धांतों और उद्देश्यों से बिल्कुल उलट हैं जिनके लिए हम मानवाधिकार के इस मंदिर में जुटे हैं। आर्यन ने कहा कि पाकिस्तान अपने यहां और भारत के कब्जाए इलाकों में मानवाधिकार उल्लंघन के गंभीर मामलों से अंतरराष्ट्रीय बिरादरी का ध्यान भटकाने के लिए इस तरह की हरकतें करता है।
पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद की धुरी है। वह अपने यहां एक ही कौम का वर्चस्व और संस्कृति कायम करने का प्रबल पक्षधर है। वह मानवाधिकार से संबंधित सभी संधियों और घोषणाओं की अवहेलना करता है।
कोरोना महामारी के इस दौर में जब हम सभी मानवता की रक्षा के लिए मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं तब पाकिस्तान भी चालबाजी का मास्क लगाकर मानवाधिकार का चैंपियन बनने की कोशिश कर रहा है। इसके पीछे उसका मकसद अपने देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ चल रहे दमन चक्र पर पर्दा डालना है।
जिस देश को लोकतांत्रिक मूल्यों की परवाह नहीं है उसे भारत जैसे लोकतांत्रिक देश को उपदेश नहीं देना चाहिए। मैं उन्हें यही सलाह दे सकता हूं कि कि वे यहां अपना समय और संसाधन नष्ट करने के बजाय अपने देश में मानवाधिकारों के हनन को रोकने पर ध्यान दें। उनके यहां रुबीना और उसके पति जैसे हजारों ऐसे लोग हैं जो अपने धर्म का पालन तक नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान परिषद के एजेंडा को हाईजैक कर इस संस्था का राजनीतिककरण करना चाहता है जिसका भारत कड़ा विरोध करता है और अन्य सदस्यों से भी ऐसा करने की अपेक्षा करता है। भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि पाकिस्तानी हुकूमत एक तरफ मानवता के पक्ष में बात करने का ढोंग करती है वहीं निर्दोष लोगों को निशाना बनाने के लिए सीमा पार राज्य प्रायोजित आतंकवाद में पूरी ताकत लगा देती है।
पाकिस्तान ने मेरे देश के खिलाफ इसी तरह की जंग छेड़कर निर्दोषों को शिकार बनाने का अभियान छेड़ रखा है। यह उचित समय है कि अंतरराष्ट्रीय बिरादरी और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद को पाकिस्तान जैसे असफल देश की ओर से पेश की गई चुनौती से निपटने के लिए कदम उठाने चाहिए।