अभी तक ऐसा माना जाता रहा है कि धरती पर प्रलय किसी उल्का पिंड गिरने या ज्वालमुखी या ग्लोबल वार्मिंग के कारण हुआ होगा, लेकिन हाल ही में की गई एक रिसर्च में दावा किया गया है कि 36 करोड़ वर्ष पहले धरती पर प्रलय एक तारे विस्फोट के कारण हुआ था। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि सितारों में विस्फोट की यह घटना धरती से करीब 65 प्रकाशवर्ष दूर हुई थी, जो इतना भयावह था कि उसका प्रभाव धरती तक रहा होगा।

अमेरिका के शोधकर्ताओं ने डेवोनियन और उसके बाद आए युग कार्बनिफेरस के बीच में मिलीं चट्टानों पर अध्ययन किया है। दरअसल इन चट्टानों में लाखों करोड़ों जीवाणु या बीज इस हालत में पाए गए हैं कि जो किसी जीव के रूप में विकसित हो सकते हैं, लेकिन पराबैंगनी किरणों के कारण जले हुए हैं। ऐसे में संकेत मिले कि धरती के ऊपर बने ओजोन लेयर के कवच को काफी लंबे वक्त के लिए नुकसान पहुंचा था और इसका एक कारण हमारे सोलर सिस्टम के पास सितारों में विस्फोट सुपरनोवा हो रहा होगा, जिसने धरती का आधा जनजीवन तबाह कर दिया था।
36 करोड़ वर्ष पहले धरती पर आया था प्रलय जिसका कारण एक विस्फोट था, जो कि 65 प्रकाशवर्ष दूर तारे में हुआ था| Holocaust on Earth धरती पर प्रलय संबंधी कहानी किस्से या विज्ञान गल्प तो आपने कई पढ़े होंगे, लेकिन हाल ही में एक शोध में खुलासा हुआ है कि हमारी धरती पर कई बार प्रलय आ चुके हैं। शोध में दावा किया गया है कि हमारी धरती पर करीब 36 करोड़ वर्ष भी भयावह प्रलय आया था, जिसमें धरती की करीब 50 फीसदी प्रजातियों और जनजीवन तबाह हो गया था।
यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनॉई के अंतरिक्ष विज्ञानी ब्रायन फील्ड्स ने प्रसीडिंग्स ऑफ द नेशनल अकादमी ऑफ साइंसेज जर्नल में प्रकाशित एक शोध पेपर में उल्लेख किया है कि ज्वालामुखी या ग्लोबल वॉर्मिंग जैसे कारणों से धरती की ओजोन परत को नुकसान जरूर होता है, लेकिन उसका असर ज्यादा वक्त तक नहीं रहता है। जबकि सुपरनोवा विस्फोट में इतनी ज्यादा ताकत होती है कि वह कई प्रकाशवर्ष दूर तक प्रभावित कर सकता है।
शोध में बताया गया है कि किसी पास के सितारे में विस्फोट होने से धरती पर अल्ट्रावॉइलट, एक्स रे और गामा रे बड़ी मात्रा में पहुंची होंगी। विस्फोट की वजह से हमारे सौरमंडल में तमाम खगोलीय मलबा भी पहुंचा होगा। इसके कारण करीब 1 लाख साल तक ओजोन लेयर प्रभावित रही और धरती पर जीवन नष्ट होने लगा। इस दौरान अंतरिक्ष में ऐसे कई सुपरनोवा हुए होंगे और सब मिलाकर धरती पर प्रलय का कारण बने।