‘मप्र में सरकारी नौकरियां अब प्रदेश के नौजवानों को ही दी जाएंगी। मप्र सरकार ने यह ऐतिहासिक फैसला लेते हुए इस संबंध में जल्द ही कानून बनाने का फैसला किया है।’- प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट कर लिखा

मुझे शिवराज की घोषषणा पर भरोसा नहीं है। सरकार इसके लिए गजट नोटिफिकेशन जारी करें। उधर, होशंगाबाद में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि हम 15 साल से मांग करते आ रहे हैं कि सरकारी नौकरियों में प्रदेश के युवाओं को मौका दिया जाए, लेकिन शिवराज सरकार ने हमारी मांगों को ठुकराते हुए नियम बदल दिए, जिससे दूसरे प्रदेशों के युवाओं को भर्ती होने का मौका मिल गया।
यदि मुख्यमंत्री की मंशा प्रदेश के नौजवानों को ही नौकरी में लाने की होती तो सरकारी नौकरियों के साथ-साथ निजी क्षेत्रों में भी (यहां स्थापित होने वाले उद्योग- फैक्ट्रियों में) मध्य प्रदेश के युवाओं को ही नौकरियां मिलें, यह प्रावधान करवाना चाहिए। मप्र कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एवं पूर्व महापौर विभा पटेल ने आरोप लगाया कि सरकारी नौकरियों में मध्य प्रदेश के लोगों को ही मौका देने की बात कहकर मुख्यमंत्री एक बार फिर प्रदेश के युवाओं के साथ छलावा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में निकट भविष्य में 27 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होना है, इसलिए युवा वर्ग को लुभाने के लिए यह एलान किया गया है।
15 साल से ठुकराते रहे हमारी मांग : दिग्विजय