राष्ट्र आजकल। होटल और रेस्टोरेंट में बना लजीज और चटपटा खाना हम सबको पसंद होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अक्सर घर से बाहर का खाना-खाना हमारी मौत का कारण भी बन सकता है। शोधकर्ताओं को एक अध्ययन के दौरान ऐसे ही कुछ उदाहरण देखने को मिले हैं। अध्ययन की रिपोर्ट को जर्नल ऑफ़ द अकेडमी ऑफ़ न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स में प्रकाशित किया गया है। शोधकर्ताओं ने इस रिपोर्ट में बताया है कि अक्सर बाहर का खाना खाने वाले लोगों को हृदय से संबंधित बीमारियों के अलावा कैंसर जैसे गंभीर रोगों का खतरा बढ़ जाता है। बाहर का खाना और मौत के खतरे के बीच के संबंध को जानने के लिए किए गए इस अध्ययन में शोधकर्ताओं को और क्या विशेष जानने को मिला, आइए अगली स्लाइडों में जानते हैं। विशेषज्ञों ने इस अध्ययन के दौरान पाया कि घर के बाहर बने खाने में वसा और सोडियम की मात्रा बहुत अधिक जबकि इसमें पोषक तत्वों, फल, सब्जियां, साबुत अनाज और एंटीऑक्सिडेंट जैसे सुरक्षात्मक तत्वों की मात्रा बहुत ही कम होती है। इस तरह के भोजन का लगातार सेवन करना कई प्रकार से हमारे सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। विशेषज्ञों ने बताया कि वैसे तो कुछ रेस्टोरेंट में गुणवत्ता पूर्ण भोजन दिए जाने का दावा किया जाता है, लेकिन घर पर बने भोजन के मुकाबले इनमें पौष्टिकता की मात्रा बेहद कम होती है। शोध के प्रमुखों में से एक और यूनिवर्सिटी ऑफ लोवा के कॉलेज ऑफ पब्लिक हेल्थ के सहायक प्रोफेसर, महामारी विज्ञान विभाग वाई बाओ बताते हैं कि वैसे तो अध्ययन के दौरान मौत के खतरे को बढ़ाने वाले परिणाम तो कम मिले हैं।
हालांकि अध्ययन के दौरान हमने पाया है कि अक्सर बाहर का खाना खाने वाले लोगों को मोटापा, मधुमेह और अन्य कई प्रकार की क्रोनिक बीमारियां होने का खतरा अधिक होता है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि अन्य लोगों की तुलना में ऐसे लोगों की मौत का खतरा बढ़ जाता है। विशेषज्ञों ने बताया कि अध्ययन के दौरान हमने 2781 लोगों की मौत पर अध्ययन किया। इसमें से 511 लोगों की मौत हृदय रोग जबकि 638 की मौत कैंसर के कारण हुई थी। कई स्तर से अध्ययन के दौरान हमने पाया कि अक्सर बाहर का खाना खाने वाले (दिन में एक से दो मील) लोगों की तुलना में कभी कभार बाहर खाने वाले (हफ्ते में एक मील) लोगों में गंभीर बीमारियों के साथ मौत का खतरा कम पाया गया।