राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि I नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) ने गुरुवार को एक रिपोर्ट जार कर कहा कि उसने साल 2023-24 में ऐसे 11 लाख बच्चों की पहचान की है, जो बाल विवाह के खतरे में थे।
कमीशन के मुताबिक अकेले उत्तर प्रदेश में ऐसे 5 लाख से अधिक ऐसे बच्चे हैं, जो बाल विवाह के खतरे में हैं।
NCPCR ने बताया कि उसने बाल विवाह रोकने वाले अधिकारियों, जिला प्राधिकरण और अन्य संबंधित एजेंसियों के साथ मिलकर बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत कई कदम उठाए हैं।
कई जिला अधिकारियों से वर्चुअल मीटिंग के बाद तैयार की गई रिपोर्ट यह रिपोर्ट वर्चुअल रिव्यू मीटिंग्स के बाद तैयार की गई, जिसमें जिला अधिकारियों और अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ बातचीत की गई। रिपोर्ट में ऐसे बच्चों का डेटा पेश किया गया, जिनके स्कूल छोड़ने का खतरा था।
स्कूल छोड़ना बाल विवाह में योगदान देने वाली एक बड़ी वजह है। इसे मुद्दे को लेकर उत्तर प्रदेश सबसे सक्रिय रहा, उसके बाद मध्य प्रदेश और ओडिशा जैसे राज्यों ने भी इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दिखाई।