राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । 2 जनवरी यानी रविवार को अमावस्या है। रविवार और अमावस्या के योग में सूर्य पूजा के साथ ही पितरों के लिए भी धर्म-कर्म जरूर करें। अमावस्या पर पितरों के लिए श्राद्ध कर्म करने का महत्व काफी अधिक है। रविवार को अमावस्या होने से इस दिन सूर्य देव के लिए विशेष पूजन कर्म करें। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार अमावस्या पर सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद तांबे लोटे में जल भरें और उसमें लाल फूल, चावल डाल लें। इसके बाद सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें। ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें। सूर्य पूजा के बाद घर के मंदिर में पूजा करें। देवी-देवताओं को स्नान कराएं। वस्त्र और हार-फूल अर्पित करें। भोग लगाएं और धूप-दीप जलाएं। ध्यान रखें भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण के भोग में तुलसी जरूर रखें। गणेश जी और शिव जी की पूजा में तुलसी का उपयोग न करें। बाल गोपाल और विष्णु जी को पीले चमकीले वस्त्र अर्पित करें।