राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । आर्थिक आधार पर आरक्षण, बिना जांच एट्रोसिटी एक्ट में गिरफ्तारी रोकने समेत 21 मांगों को लेकर भोपाल के जंबूरी मैदान पर करणी सेना परिवार का महा आंदोलन आज दूसरे दिन भी जारी है। सोमवार की दोपहर को जंबूरी मैदान से एमपी नगर जा रहे करणी सेना के पदाधिकारी और कार्यकताओं को भेल चौराहे पर पुलिस ने रास्ते में ही रोक दिया। प्रदर्शनकारी नारेबाजी कर रहे हैं। प्रदर्शन को रोक देने के बाद करणी सेना एवं सर्व समाज ने हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया है। साथ ही संगठन के प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर धरने के दौरान उन्हें कुछ होता है तो इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। प्रदर्शनकारियों को रोकने के दौरान पुलिस कर्मियों से बहस भी हुई।
जानकारी के अनुसार जंबूरी मैदान से करनी सेना परिवार के लोग एमपी नगर चौराहे पर लगी महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के लिए निकले थे। जैसे ही जंबूरी से एमपी नगर की तरफ बढ़े उन्हें अगले ही चौराहे पर पिपलानी पुलिस ने रोक लिया। करणी सेना के लोग एमपी नगर में प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद बोर्ड ऑफिस चौराहे पर बने स्मार्ट सिटी के शेड में ही डेरा जमाने का प्लान कर रहे थे।
एडिशनल डीसीपी राजेश भदौरिया ने बताया कि अभी करणी सेना परिवार को समझाया गया है कि प्रॉपर अनुमति लेकर प्रदर्शन करें। अभी एक दिवसीय कार्यक्रम की अनुमति थी। जो अनुमति थी वो कल खत्म हो चुकी है। आज की अनुमति नहीं है। इस तरीके से 400-500 लेकर धरना गलत है। स्कूली बच्चों, यातायात और एम्बुलेंस को समस्या हो रही है। रास्ते में काफी स्कूल और हॉस्पिटल हैं, जिसके लिए इन्हें यहां रोका गया है। यदि इनका प्रतिनिधि मंडल जाना चाहे तो महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर जा सकता है।
नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविन्द सिंह ने कहा कि भाजपा की सरकार करणी सेना के साथ अन्याय कर रही है। करणी सेना की जो जायज मांगें हैं उन्हें मानना चाहिए। करणी सेना ने जो मांग पत्र भेजा है उसमें पिछडे वर्ग, एससी, एसटी वर्ग के साथ न्याय की बात की है। अगर उसमें कुछ गलत हो तो उसमें सुधार करने में सरकार को कोई आपत्ति नहीं होना चाहिए। लेकिन शिवराज सिंह की जो मानसिकता है वो सामान्य वर्ग के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हम समाजवादी रहे हैं। हर वर्ग का ख्याल करते हैं, किसी वर्ग के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। प्रजातंत्र में वे अपनी बात करने आए थे, मैदान सील कर दिया। रोकने का प्रयास किया। जब इस मुद्दे को उठाया तो सरकार भयभीत हो गई। डर की वजह से मैदान खोल दिया। मैं करणी सेना और राजपूत समाज के लोगों से कहना चाहता हूं अपने अपमान का बदला नवंबर-दिसंबर में होने वाले चुनाव में लेना है। जिस प्रकार महाराणा प्रताप ने लड़ाई लड़ी थी, उसी प्रकार भाजपा का प्रदेश से सफाया करके ही चैन से बैंठे।
• जाति के आधार पर आरक्षण बंद कर आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू किया जाए।
• एससी-एसटी एक्ट में बिना जांच के गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए।
• सामान्य पिछड़ा वर्ग एक्ट बनाया जाए, जो सामान्य और पिछड़ा वर्ग की एससी-एसटी के अत्याचार से रक्षा करें।
• भर्ती कानून बनाया जाए। व्यापमं के 1 लाख पदों और अन्य विभागों में जल्द भर्ती की जाए। भर्ती नहीं होने पर बेरोजगारी भत्ता दिया जाए।
• MPPSC की 2019, 20, 21 की भर्तियां संवैधानिक रूप से पूर्ण की जाए।
• किसानों के हित में स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू किया जाए, ताकि किसानों को उपज का सही मूल्य मिल सके।
• खाद्यान्न (रोजमर्रा की चीजें ) को GST से मुक्त किया जाए। बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाई जाए।
• क्षत्रिय महापुरुषों के इतिहास में छेड़छाड़ को तुरंत रोका जाए।
• गौमाता को राष्ट्र माता का दर्जा दिया जाए। गोबर और गौमूत्र को सरकारी स्तर पर खरीदने की व्यवस्था करें।
• पद्मावत फिल्म के विरोध में दर्ज प्रकरण वापस लिए जाएं।
• कर्मचारियों की पुरानी पेंशन फिर चालू की जाए।