इंदौर राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि | पुलिस समाज की सेवा के लिए है और उनकी समस्याओं का निराकरण करना और मुजरिम को पकड़ कर उसे सजा दिलाना पुलिस की ड्यूटी है, लेकिन जो मामला हम आपको बताने जा रहे हैं उसमें एक दरोगा की ही शिकायत पुलिस विभाग द्वारा 4 महीने तक नहीं लिखी गई। गौरतलब है कि 1 दिन भी नहीं गुजरा होगा जब रिटायर्ड दरोगा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने नहीं गए, लेकिन उनको सिर्फ जांच का हवाला दिया जा रहा था पर उनकी शिकायत पुलिस विभाग द्वारा टाल दी जा रही थी। अपनी शिकायत लेकर रिटायर्ड दरोगा एसपी ऑफिस लेकर अन्य कई अफसरों के दफ्तर पहुंचे पर उनकी सुध किसी ने नहीं ली।दरअसल, 3 साल पहले रिटायर हुए दरोगा की 10 सितंबर को असामाजिक तत्वों द्वारा कार में आग लगा दी गई थी। इस घटना को 4 महीने बीत गए लेकिन अब जाकर एफआईआर दर्ज हुई है। इस पूरे मामले में विभाग सवालों के घेरे में है कि अगर रिटायर्ड पुलिस कर्मचारी के साथ ऐसा बर्ताव किया जा रहा है तो आम इंसान की पुलिस विभाग क्या ही सुनती होगी। वहीं रिटायर्ड दरोगा का कहना है कि पूरी जिंदगी जिस विभाग में काम करके निकाल दी, वहां ऐसा व्यवहार होना बुरा लगता है। इन 4 महीनों में एक बार भी पुलिस उनके घर नहीं आई।