राष्ट्र आजकलप्रतिनिधि, भोपाल। मासूम बच्चियों से दुष्कर्म के आरोपी जब बार-बार कोर्ट से छूटते हैं तो वे कैसे मासूमों को फिर अपना शिकार बनाते हैं, यह खबर इसका उदाहरण है। शाजापुर जिले के रमेश सिंह ने साल 2003 में 5 साल की बच्ची से दुष्कर्म किया। कोर्ट से उसे 10 साल की सजा मिली। 2014 में वह सजा काटकर बाहर आया तो तुरंत आष्टा (सीहोर) में 8 साल की मासूम को शिकार बनाया। लोअर कोर्ट ने उसे फांसी की सजा सुनाई। आरोपी ने हाईकोर्ट में जब सजा रिवीजन की अपील की तो 2019 में उसे बरी कर दिया गया। हाईकोर्ट ने इस आधार पर उसे बरी किया था कि आरोपी की शिनाख्त परेड के समय बच्ची के साथ उसके पिता भी थे। इसलिए बच्ची को मेन्युप्लेट (बहलाया) किया जा सकता है। 1 फरवरी 2025 को उसने 250 किमी दूर नरसिंहगढ़ (राजगढ़) में 11 साल की मूक-बधिर बच्ची को अगवा कर दुष्कर्म किया। बच्ची को ऐसे जख्म दिए कि उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने 18 फरवरी मंगलवार को आरोपी रमेश को ट्रेन से हिरासत में लिया तो ये चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। 46 लोकेशन के 136 सीसीटीवी कैमरे खंगाले नरसिंहगढ़ में 1-2 फरवरी की दरमियानी रात 11 साल की मूक-बधिर बच्ची सोते समय लापता हो गई थी। सुबह झाड़ियों में मिली। मेडिकल जांच में दुष्कर्म की पुष्टि हुई। तबीयत ज्यादा खराब होने पर उसे भोपाल के हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 8 फरवरी को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने खुद फरियादी बनकर दुष्कर्म का प्रकरण दर्ज किया और आरोपी की तलाश में जुट गई। पुलिस ने 46 जगहों के 136 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाले। कुल 79 व्यक्तियों को चिह्नित किया। 700 से ज्यादा मोबाइल नंबर की सीडीआर का विश्लेषण किया। इसी बीच, नरसिंहगढ़ बस स्टैंड पर लाल शॉल ओढ़े एक संदिग्ध दिखा। इसमें उसने नीले-काले स्पोर्ट्स शूज पहने थे। यही व्यक्ति घटनास्थल की सीसीटीवी फुटेज में रात 2 बजे एक विक्षिप्त महिला के कपड़े खींच रहा था।