राष्ट्र आजकल/राकेश साहू/नजीराबाद बैरसिया/भोपाल। चुनाव ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों का 50 लाख रुपये का अलग से बीमा कराया जाए। मतगणना जनपद स्तर पर कराई जाए। यह सुझाव मप्र के कर्मचारी संगठनों ने राज्य निर्वाचन आयोग को दिए हैं। कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों का आशंका है कि हार-जीत के मामूली अंतर और चुनाव को लेकर पैदा होने वाले मन-मुटावों के चलते कई बार मतगणना के दौरान पंचायतों में अप्रिय स्थिति बन जाती है। सबसे ज्यादा नुकसान चुनाव ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को होता है। ऐसे में भीड़ भी सही को सही और गलत को गलत नहीं कह पाती है। पूर्व में ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं कर्मचारी संगठनों की तरफ से यह भी कहा गया है कि कोरोना संक्रमण खत्म नहीं हुआ है बल्कि चुनाव तक बढ़ सकता है। कोरोना के नए वैरिएंट से हर कोई चिंतित है। भीड़ के बीच ही चुनाव प्रक्रिया होनी है। किसी भी कर्मचारी के साथ अनहोनी घटित हो सकती है। ऐसे में उनके स्वजन परेशान होते हैं इसलिए चुनाव ड्यूटी करने वाले प्रत्येक कर्मचारियों का 50 लाख रुपये का बीमा कराए जाए।
मप्र अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह और संरक्षक भुवनेश कुमार पटेल ने राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव को पत्र भेज दिया है। पत्र में सभी सुझावों का विस्तार से उल्लेख है। पत्र के साथ सुझाव से सहमत कर्मचारी संगठन और उनके प्रतिनिधियों के नाम भी शामिल है। राज्य निर्वाचन आयोग उक्त पत्र पर कितना तवज्जो देता है यह बाद का विषय है। फिलहाल पंचायतों में निर्वाचन प्रक्रिया चालू हो चुकी है।
सुझाव देने वालों में यह कर्मचारी संगठन और उनके प्रतिनिधि शामिल
कर्मचारी कांग्रेस वीरेंद्र खोंगल, कर्मचारी नेता अशोक शर्मा, एलएन कैलासिया, अजीज खान, राजकुमार चंदेल, निहाल सिंह, नरेंद्र सिंह ठाकुर, गौतम पाटिल, ओपी कटियार, दिनेश चंद्र शर्मा, उपेंद्र सिंह सेंगर, शिव शंकर रजक, सुरेंद्र सिंह सोलंकी, एमपी द्विवेदी, उपेंद्र सिंह बघेल, शारदा सिंह परिहार, शंकर सिंह सेंगर, साबिर खान, फिरोज खान, गजेंद्र एस कोठारी, आमोद तिवारी, अनिल शर्मा, देवेंद्र गोस्वामी, बलवंत सिंह रघुवंशी, एसबी सिंह, सुभाष शर्मा
विस का घेराव करने पहुंची आशा-उषा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने खदेड़ा
विधानसभा (विस) का घेराव करने भोपाल पहुंची प्रदेश भर की आशा-उषा कार्यकर्ताओं को सोमवार पुलिस ने खदेड़ दिया नीमल पार्क के आसपास जमा हुए कुछ प्रतिनिधियों को हिरासत में ले लिया उनके मोबाइल जब्त कर लिए शाम को पांच बजे तक मोबाइल नहीं दिए कुछ महिला कार्यकर्ताओं को महिला थाने में बैठाकर रखा गया देर शाम को इस शर्त पर छोड़ा कि वे भोपाल की सीमा में नहीं दिखेंगी। ये कार्यकर्ताएं लंबे समय से निर्धारित मानदेय और सुविधाओं की मांग कर रही है जो पूरी नहीं की जा रही है। इस बात से नाराज होकर ये प्रदेश भर से भोपाल पहुंची थी। अलग-अलग दलों में बंटकर कार्यकर्ताएं नीलम पार्क पहुंच रही थीं जिन्हें पहुंचने से पहले ही पुलिस ने रोक दिया। इन कार्यकर्ताओं की योजना नीलम पार्क से विधानसभा तक कूच करने की थी। ये कार्यकर्ताएं मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर अड़ी हैं। इन्हें नाममात्र का नामदेय और प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।