पिछले लगभग 60 दिनों की बात करें तो 9 लोगों को गोताखोरों ने बचा लिया, बाकी की चार हो चुकी है मौत। राजा भोज सेतु बन रहा नया सुसाइड प्वाइंट।
बीते 60 दिनों में इन दोनों जगहों से 13 लोगों ने जान देने की कोशिश की, जिनमें से चार की मौत हो गई। इनमें से एक की मौत राजा भोज सेतु से कूदने से हुई है। वहीं 9 लोगों को नगर निगम के प्रशिक्षित गोताखारों ने बचा लिया। भोपाल शहर की शान कहे जाने वाले बड़े तालाब पर खुदकुशी करने वालों के कारण दाग लग रहा है। तालाब में राजा भोज की प्रतिमा से लगी वीआइपी रोड के साथ अब राजा भोज सेतु नया सुसाइड प्वाइंट बन रहा है।
इस मामले में अधिकारीयों व अन्य कर्मचारियों से बात-चीत की गयी, साथ ही पुलिस का कहना है कि नगर निगम से ब्रिज और राजाभोज की प्रतिमा के पास लगी रैलिंग की ऊंचाई 3-3 फीट और ऊंची करने की मांग की गई है, ताकि कूदने वालों को रोका जा सके। वहीं नगर निगम के गोताखारों का भी कहना है कि हर प्वाइंट पर मौजूद रहना मुश्किल होता है। जानकारी के अनुसार बड़े तालाब में जान देने के लिए छलांग लगाने के लिए वीआइपी रोड के बाद अब राजा भोज सेतू को नया प्वाइंट बनता जा रहा है।
लोग आते हैं और रैलिंग की ऊंचाई कम होने के कारण कूद जाते हैं। हालांकि ज्यादातर समय नगर निगम के गोताखोर मुस्तैदी के साथ प्वाइंट पर तैनात रहते हैं और कूदने वालों को बचा लेते हैं। उन्होंने बीते साठ दिनों में नौ 9 लोगों को बचाया है। बड़े तालाब के आसपास सुरक्षा के इंतजाम बहुत कम हैं। नगर निगम और पुलिस की विशेष डयूटी इस स्थान पर नहीं लगाई जाती है। इसी का नतीजा है यहां न तो नगर निगम कर्मचारी रहता है और न ही पुलिस का कोई सिपाही।
तालाब में कूदने वालों में महिलाओं की संख्या अधिक है। वहीं कूदने के बाद तालाब से सुरक्षित निकाले गए लोगों के खिलाफ पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती है। नाम और पता पूछने के बाद उन्हें परिजनों के सुपुर्द कर दिया जाता है।