कोरोना मरीजों की पहचान अब मुश्किल होती जा रही है, कोरोना काल में लोग अलग-अलग लक्षणों के साथ अस्पताल पहुंच रहे हैं।
कोरोना मरीजों की पहचान अब मुश्किल होती जा रही है। पहले सर्दी, जुकाम, बुखार होने पर डॉक्टर कोरोना की जांच करवाते थे। अब भूख नहीं लगना, शरीर में दर्द जैसी शिकायत होने पर भी कोरोना की जांच करवाना पड़ रही है। पिछले कुछ दिनों में ऐसे मरीज सामने आए हैं, जिनमें इन नए प्रकार के लक्षण होने पर जांच कराने पर कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई है।
- मार्च-अप्रैलः कोरोना की दस्तक के समय सर्दी, जुकाम, बुखार, सांस लेने में दिक्कत होने पर कोरोना की जांच करवाई जा रही थी।
- जून-जुलाईः कोरोना काल के दो माह बाद उल्टी, घबराहट, दस्त, मुंह का स्वाद, सूंघने की शक्ति खोने जैसी शिकायतें भी सामने आने लगीं।
- अगस्तः वर्तमान समय में भूख नहीं लगना, शरीर में दर्द होने की शिकायत बुजुर्गों में ज्यादा मिल रही है। कोरोना की जांच में उनकी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आ रही है।
कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट काफी बेहतर है, लेकिन जिन मरीजों को शुगर, बीपी या अन्य कोई गंभीर बीमारी है, उन्हें हाइ रिस्क मरीज माना जा रहा है।
यह नए असामान्य लक्षण 60 साल से अधिक उम्र के लोगों में दिखाई दे रहे हैं। भूख नहीं लगने जैसी शिकायत लेकर रोज यदि 10 मरीज डॉक्टर के पास पहुंचते हैं तो इनमें से तीन पॉजिटिव निकल रहे हैं।
चूंकि यह कोरोना का लक्षण नहीं है, इसलिए इनकी शुरुआत में जांच नहीं कराई गई थी। मगर जब दवाओं से फायदा नहीं हुआ तो कोरोना का टेस्ट कराया गया, जिसमें रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। हालांकि