पूर्व मंत्री घनघोरिया ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस के 75 से 80 प्रतिशत कार्यकर्ता ऐसे हैं, जिनके डीएनए में आज भी कांग्रेस है. ऐसे कार्यकर्ता कभी भी पार्टी को नहीं छोड़ेंगे. खास बात यह है कि पूर्व मंत्री के इस बयान के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं की डीएनए पर सवाल खड़े होने लगे हैं.
मंत्री लखन घनघोरिया के बयान पर गौर करें तो वह 75 से 80 फीसदी कार्यकर्ताओं के डीएनए में कांग्रेस के होने की बात कहते हैं. ऐसे में क्या यह समझा जाए कि कांग्रेस के 20 से 25 प्रतिशत कार्यकर्ताओं में कांग्रेस का डीएनए नहीं है और उनकी वफादारी पार्टी के प्रति नहीं है.
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में उपचुनाव (By-Election) में से पहले सियासत तेज हो गई है. चुनाव से पहले बीजेपी (BJP) द्वारा चलाए जा रहे सदस्यता अभियान के बीच कांग्रेस (Congress) नेता व पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया ने पार्टी में डीएनए (DNA) का मुद्दा उठा दिया है. बहरहाल जो भी हो लेकिन ग्वालियर चंबल अंचल में बीजेपी का सदस्यता अभियान और कांग्रेस में डीएनए की टेस्टिंग यह बताती है कि हालात दोनों ही जगह ठीक नहीं है. दल बदल की राजनीति के दौर से गुजरी प्रदेश की राजनीति अब उपचुनाव की ओर चल पड़ी है.
ऐसे में जोर आजमाइश का दौरा और अधिक बढ़ेगा बीजेपी के तीन दिवसीय सदस्यता अभियान में कांग्रेस के कितने डीएनए वाले कार्यकर्ता बीजेपी ज्वाइन करते हैं यह तो पता नहीं, लेकिन पार्टी के मूल कार्यकर्ताओं पर ही डीएनए का सवाल खड़ा हो गया है. हालांकि पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया ने भाजपा के सदस्यता अभियान को लेकर यह बात स्पष्ट कर दी है कि पार्टी को इस सदस्यता अभियान से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला.
वहीं ग्वालियर चंबल अंचल में बीजेपी के कद्दावर नेताओं की मौजूदगी से पहले हुई कांग्रेस कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारीयों पर भी घनघोरिया ने भाजपा पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि बीजेपी हमेशा प्रशासन को आगे करके राजनीति करती आ रही है, लेकिन कांग्रेस का कार्यकर्ता डरेगा नहीं यह वही पार्टी है जो अंग्रेजों से नहीं डरी.
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में उपचुनाव (By-Election) में से पहले सियासत तेज हो गई है. चुनाव से पहले बीजेपी (BJP) द्वारा चलाए जा रहे सदस्यता अभियान.