फिलीस्तीन ने यूएई से अपने राजदूत को भी वापस बुला लिया है.
इस समझौते के तहत, इजरायल और यूएई अब कूटनीतिक संबंध स्थापित करेंगे. वहीं, इजरायल ने कहा है कि वह वेस्ट बैंक को मिलाने की अपनी योजना को भी स्थगित कर रहा है. फिलिस्तीन ने इस समझौते का कड़ा विरोध करते हुए इसे रद्द करने की मांग की है. फिलीस्तीन ने कहा है कि उनकी पीठ में छुरा भोंक दिया गया है. फिलीस्तीन की आधिकारिक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, फिलीस्तीन यूएई से अपने राजदूत को भी वापस बुला रहा है. इजरायल और यूएई ने दशकों पुरानी दुश्मनी भुलाकर रिश्ते सामान्य करने के लिए समझौता कर लिया है.
इस समझौते को लेकर फिलिस्तीन ने नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि उनकी पीठ में छुरा भोंका गया है. इजरायल और यूएई के बीच गुरुवार को हुए ऐतिहासिक समझौते का फिलीस्तीन ने कड़ा विरोध किया है. फिलिस्तीनी समूहों ने इजरायल-यूएई के बीच हुए इस समझौते की कड़ी आलोचना की है. फिलीस्तीनी समूहों का कहना है कि इससे फिलीस्तीनियों के उद्देश्य और उनके अधिकारों को पूरी तरह से किनारे कर दिया गया है.
फिलीस्तीनी मुक्ति संगठन (पीएलओ) की एक सदस्य हनान आशरावी ने कहा, यूएई इजरायल के साथ अब अपने चोरी-छिपे संबंधों को खुलकर सामने ले आया है. हमास के प्रवक्ता हाजेम कासिम ने एक बयान में कहा, ये समझौता फिलिस्तीनियों की किसी तरह से मदद नहीं करता है बल्कि इससे यहूदीवाद की सेवा होगी. ये समझौता इजरायल को फिलिस्तीनियों के अधिकारों के हनन और उनके खिलाफ अपराध को जारी रखने के लिए प्रेरित करता है.
व्हाइट हाउस ने अपने बयान में कहा है कि ये समझौता इजरायल, यूएई और अमेरिका के बीच हुई लंबी चर्चा के बाद हुआ है. क्षेत्र में ईरान की चुनौती से निपटने के लिए इजरायल और यूएई पहले भी एक-दूसरे को सहयोग करते रहे हैं. यूएई पहला ऐसा खाड़ी देश और तीसरा अरब देश है जिसने इजरायल के साथ कूटनीतिक संबंध स्थापित किए हैं. इससे पहले अरब के देशों मिस्त्र और जॉर्डन ने इजरायल के साथ कूटनीतिक संबंध स्थापित किए थे.
इसकी वजह ये है कि इजरायल और यूएई दोनों ही ईरान और ईरान की प्रॉक्सी सेना से दुश्मनी रखते हैं. यूएई के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान भी इजरायल की तरह मुस्लिम ब्रदरहुड ऐर गाजा पट्टी के हमास आतंकी संगठन को लेकर सशंकित रहते हैं. बाकी अरब देशों की तरह यूएई ने भी फिलीस्तीन को लेकर इजरायल के साथ लंबे वक्त से कूटनीतिक रिश्ते कायम नहीं किए. हालांकि, फिलीस्तीन के लिए यूएई का समर्थन हाल के कुछ सालों में तब कमजोर पड़ता गया है.
इस समझौते से ठीक पहले, ट्रंप, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और यूएई के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायेद नाहयान के बीच फोन पर बातचीत हुई थी. साझा बयान में कहा गया है, “इस ऐतिहासिक समझौते के बाद मध्य-पूर्व में शांति स्थापित होगी. तीनों नेताओं का नजरिया और यूएई और इजरायल का साहस ऐसे नए रास्ते खोलेगा जिससे क्षेत्र में शांति स्थापित होगी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को इजरायल-यूएई के बीच हुए समझौते का ऐलान किया. उन्होंने देशों देशों के साझा बयान भी ट्वीट कर इसे ऐतिहासिक करार दिया है. ट्रंप ने कहा कि हमारे दो करीबी दोस्त इजरायल और यूएई के बीच ऐतिहासिक समझौता हुआ है.