दुनिया भर में फैले भारतीय मूल के प्रवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई जब कमला हैरिस एक अश्वेत और भारतीय अमेरिकी को अमेरिका की मुख्यधारा की पार्टी डेमोक्रेटिक पार्टी से उम्मीदवार घोषित किया, सभी के लिए यह इतिहास बन गया है.
अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार जो बाइडेन ने जैसे ही भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक कमला हैरिस को उप-राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार घोषित किया, दुनिया भर में फैले भारतीय मूल के प्रवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई.
वहीं शिकागो की मेयर लोरी लाइटफुट ने प्राइम टाइम टेलीविजन पर कहा, “अविश्वसनीय रूप से प्रसन्न हूं!” इस घोषणा के सार्वजनिक होते ही नेताओं समेत कई लोगों ने निजी तौर पर खुशी जताई. अमेरिका में मानवाधिकार कार्यकर्ता वनिता गुप्ता ने ट्वीट किया, “झूठ नहीं कहूंगी.. आंसू आ गए हैं…”वनिता गुप्ता ने कहा कि ये दुनिया भर की अश्वेत, दक्षिण एशियाई, महिलाओं के लिए ऐतिहासिक दिन है.
कमला हैरिस एक अश्वेत और भारतीय अमेरिकी हैं, उनका अमेरिका की मुख्यधारा की पार्टी डेमोक्रेटिक पार्टी से उम्मीदवार घोषित होना अपने आप में एक इतिहास बन गया है. इस घटनाक्रम को दुनिया भर में फैले प्रवासी भारतीय की अदभूत कामयाबी के रूप में याद किया जाएगा.
द लिंकन प्रोजेक्ट के सह-संस्थापक स्टीव श्मिट ने कमला के चुने जाने को लेकर एनबीसी से कहा, “यह वह टीम है जो डोनाल्ड ट्रम्प के जाने के बाद अमेरिका का नेतृत्व करेगी. वह जबरदस्त हैं, वह चतुर हैं, वह तेजी से कदम उठाने वाली और मुखर हैं.”
हैरिस की बहन माया हैरिस ने अपनी मां की फोटो साझा करते हुए लिखा, “आप तब तक यह नहीं जान सकते कि कमला हैरिस कौन है, जब तक आप यह न जान लें कि हमारी मां कौन थीं. उनकी बहुत याद आ रही है लेकिन जानती हूं कि आज वह और हमारे पूर्वज मुस्कुरा रहे हैं.”
उनके पिता एक अर्थशास्त्री थे और वह जमैका से अमेरिका आए थे. हैरिस ओकलैंड और बर्कले के बीच बड़ी हुईं. वे अमेरिका के मिडवेस्ट और मॉन्ट्रियल में भी रहीं. बता दें कि जब कमला बमुश्किल 7 साल की थीं, तब उनके माता-पिता का तलाक हो गया था. इसके बाद हैरिस बहनों को उनकी मां ने ही पाला. उनकी मां एक कैंसर शोधकर्ता थीं और मूल रूप से भारत की थीं।