वन विभाग का कहना है कि उस तेंदुए ने अभी तक एक भी इंसान पर हमला नहीं किया, इसलिए लोग भी रहें और तेंदुए को रहने दें। कुत्ते आदि छोटे जानवर उसका प्राकृतिक आहार व शिकार है। यह इलाका वन क्षेत्र से लगा हुआ है, इसलिए लोगों को तेंदुए के साथ सामंजस्य बैठाना चाहिए।
जबलपुर (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): इस जवाब में कहा गया कि आबादी वाले क्षेत्र में दिखने वाला तेंदुआ आदमखोर नहीं है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के पूर्व निर्देश के पालन में वन विभाग की ओर से अपना जवाब पेश किया गया।
इसी के साथ जवाब की प्रति जनहित याचिकाकर्ता के वकील को भी मुहैया कराने की व्यवस्था दे दी। साथ ही अगली सुनवाई एक अक्टूबर को निर्धारित कर दी गई। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश अजय कुमार मित्तल व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने उक्त जवाब को रिकॉर्ड पर लिया।
यह जवाब गैर जिम्मेदाराना और तेंदुए के खतरे की अनदेखी को दर्शाता है। जनहित याचिकाकर्ता जबलपुर के समाजसेवी रजत भार्गव के अधिवक्ता आदित्य संघी ने वन विभाग के जवाब को अटपटा व बेतुका बताया। उन्होंने साफ किया कि उन्हें एक शासकीय विभाग से ऐसे जवाब की उम्मीद कतई नहीं थी।
यह भी कहा गया कि मदन महल पहाड़ी से नयागांव इलाका लगा हुआ है। मंगलवार को राज्य सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने वन विभाग का जवाब कोर्ट में पेश किया। वन विभाग की ओर से ट्रैप कैमरे लगाने की बात कही गई।
नयागांव के आसपास चार पिंजरे भी लगा दिए गए। लेकिन खाली पिंजरों में न तो तेंदुआ फंसा और न ही वन विभाग की टीमों को यह तेंदुआ नजर आया। तेंदुए के लगातार मूवमेंट से इलाके के लोग घर से निकलने में डरने लगे हैं। दलील दी गई कि वन विभाग की ओर से तेंदुआ से सुरक्षा के लिए रहवासी क्षेत्र और वन्य क्षेत्र के बीच फेंसिंग कराई जा सकती है। सड़कों पर सर्चलाइट लगाई जा सकती है। कोर्ट ने सरकार को इन सुझावों पर गौर करने को कहा था। जबलपुर के नयागांव में तेंदुए की दहशत बरकरार है। वन विभाग अभी तेंदुए की तलाश ही कर रहा है। लेकिन स्थानीय लोगों को लगभग रोज कहीं न कहीं किसी न किसी लोकेशन पर तेंदुआ दिखाई दे रहा है। पिछले दिनों नयागांव के एक मकान के परिसर में तेंदुआ घुस आया।
लोगों की शिकायत के बाद सोसायटी के अध्यक्ष रजत भार्गव ने 19 दिसंबर को खुद टेलीस्कोप और कैमरे की मदद से तेंदुए की तस्वीर लेकर वन विभाग को सौंपी थी। उसके बाद कान्हा नेशनल पार्क से स्पेशलिस्ट की टीम दो बार आकर पहाड़ी का मुआयना कर चुकी है।