संबोधन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि नोटबंदी के दौरान गरीब परेशान हुए। कालाधन वापस नहीं आया, बल्कि सफेद धन में तब्दील हो गया। जीएसटी लागू कर सभी व्यापारियों को परेशान किया। वहीं अब कृषि कानून लाकर देश के किसानों को धोखा दे रही है।
रायपुर: वर्चुअल किसान सम्मेलन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कृषि कानून का खुलकर विरोध किया है।
मोदी सरकार के कृषि कानून के विरोध में बोलते मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हम छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए नया कानून बनाएंगे। हमें किसानों की चिंता है। कांग्रेस पार्टी को देश के किसानों की चिंता है। राहुल गांधी कोरोना काल में सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। सीएम ने किसान न्याय योजना का जिक्र करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना की दो किश्त किसानों को भुगतान किया है। अब तीसरी किश्त राज्य स्थापना दिवस के मौके भुगतान किया जाएगा। इस दौरान सीएम ने गोधन न्याय योजना का भी जिक्र किया।
किसान सम्मेलन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खुलकर कृषि काननू का विरोध किया। सीएम ने कहा कि ये कानून व्यापारियों के फायदे के लिए हैं। कृषि बिल सिर्फ आद्यौगिक घरानों के लिए हैं। एमएसपी में हर साल 50 रुपए की बढ़ोतरी होती है। सरकार एमएसपी से नीचे फसलों की खरीदी नहीं होगी इसकी घोषणा करें।
सीएम भूपेश बघेल ने किसानों से आह्वान किया है कि इस बार गर्मी में धान की जगह दलहन-तिलहन लगाएं। दलहन तिलहन का रेट इस समय अधिक होगा। नए कानून की वजह से व्यापारी धान की खरीदी नहीं करेंगे। व्यापारी दलहन तिलहन की फसल की खरीदी करेंगे। दूसरी तरफ नागपुर में अडानी का गोदाम बनकर तैयार हो गया है।
कृषि कानून से एनडीए में भी गुस्सा है। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने भी कृषि कानून का विरोध किया है। “यह कानून किसानों के लिए नुक़सानदेह है कृषि कानून का ड्राफ्ट अडानी-अंबानी के दफ्तर में बना, अडानी-अंबानी के यहां से सीधे बिल पेश कर दिया गया। किसान सम्मेलन में पीएल पुनिया ने कहा कि कृषि कानून का RSS ने भी विरोध किया है।