एक जीबी डाटा भी कम पड़ने लगा है। उनका कहना है कि दो क्लासेस के दौरान ही रोजाना का इंटरनेट डाटा खत्म हो जाता है। बाद में कम होने से बाकी विषय की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। मामले में कई विद्यार्थियों ने शिक्षकों से छोटे लेक्चर करने की गुहार लगाई है।
इंदौर (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): बढ़ते संक्रमण की वजह से इन दिनों स्कूल-कॉलेज बंद है। मगर विद्यार्थियों की पढ़ाई जारी है। ऑनलाइन क्लासेस में अब विद्यार्थियों को इंटरनेट को लेकर समस्या खड़ी होने लगी है।
पहले जहां 500 रुपए में 84 दिन का इंटरनेट चलता था। वहीं अब महीनेभर में एक हजार रुपए केवल इंटरनेट पर खर्च हो रहे हैं। बावजूद इसके विद्यार्थियों को इंटरनेट स्पीड नहीं मिल रही है। अधिकांश विद्यार्थियों का मानना है कि 45-45 मिनट के लेक्चर हो रहे हैं। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के अधिकांश विभाग में ऑनलाइन क्लासेस के जरिए पढ़ाई करवाई जा रही है। जहां विद्यार्थी डेटा पैक (इंटरनेट) को लेकर परेशान है।
महज डेढ़ घंटे में इंटरनेट की डेली लिमिट खत्म हो जाती है। बीकॉम छात्र अनिमेश जैन का कहना है कि डेटा पैक खत्म होने के बाद बीच-बीच में लिंक ब्रेक होती है। जिसे क्लास में पढ़ाए जाने वाले टॉपिक कम समझ आते है। प्रबंधन की छात्रा मोनिका शर्मा का कहना है कि पिछले तीन महीने में केवल साढ़े चार हजार रुपए इंटरनेट पर खर्च हो चुके है।
मीडिया प्रभारी डॉ. चंदन गुप्ता का कहना है कि प्रत्येक विभाग में ऑनलाइन लेक्चर और वाट्सअप पर वीडियो-कंटेंट शेयर हो रहा है। वैसे छोटे लेक्चर को लेकर कुलपति से बातचीत की जाएगी। यह समस्या कई विभागाध्यक्षों के सामने विद्यार्थियों ने रखी है। स्कूल ऑफ कॉमर्स की विभागाध्यक्ष डॉ. प्रीति सिंह का कहना है कि गूगल क्लासरूम के जरिए क्लासेस ले रहे है। विद्यार्थियों की समस्या के बाद विभाग ने एक वाट्सअप गुप बनाया है, जिसमें टीचर्स अपने-अपने टॉपिक के नोट्स उस पर शेयर करते है। यहां तक छोटे-छोटे विडियो भी भेज रहे हैं।
विश्वविद्यालय के अलावा सरकारी कॉलेज के शिक्षक-प्रोफेसरों की भी कुछ समस्या है। उनका कहना है कि गुगल क्लासरूम में पढ़ाने के दौरान कई बार विद्यार्थी मोबाइल का कैमरा बंद कर गायब होते है। कभी वे ऑनलाइन क्लासेस में कुछ भी शेयर कर देते है। जिस पर बाकी विद्यार्थी आपत्ति लेते है। इसके बारे में कई बार शिक्षकों ने प्राचार्य से भी शिकायत की है।
मुद्दा अतिरिक्त संचालक डॉ. सुरेश सिलावट के सामने भी रखा है। उनका कहना है कि टीचर्स को ऐसे विद्यार्थियों को चिन्हित करने को कहा है, जो बार-बार ऑनलाइन क्लासेस के दौरान शरारत करते है। साथ ही इनकी क्लास में अनुपस्थित दर्ज करने के निर्देश दिए है। इसे विद्यार्थी परीक्षा में नहीं बैठ सकेंगा।