इसे सुरक्षित लोन माना जाता है। यानी इसमें गारंटी देनी पड़ती है। दूसरे लोन की तुलना में इस लोन की अवधि छोटी होती है। अगर किसी को तत्काल लोन की जरूरत है तो वह ब्रिज लोन पर विचार कर सकता है। इस लोन को लोग अक्सर प्रॉपर्टी को खरीदने और बेचने के बीच की अवधि के लिए लेते हैं। अगर लॉन्ग-टर्म लोन नहीं लेना हो तो यह लोन लिया जा सकता है।
राष्ट्र आजकल (बिजनेस डेस्क): अक्सर आपने कार लोन, पर्सनल लोन, होम लोन आदि के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या आपने कभी ब्रिज लोन के बारे में सुना है? ब्रिज लोन शॉर्ट-टर्म लोन होता है। इस तरह के लोन में अमूमन ब्याज की दर ज्यादा होती है।
यह संस्थान पर निर्भर करता है कि वह कितनी अवधि के लिए लोन दे रहा है।
बैंक/फाइनेंस कंपनियां छोटी अवधि की जरूरतों के लिए ब्रिज लोन उपलब्ध कराते हैं। इसे 12 से 24 महीनों के लिए लिया जा सकता है।
एक बात ध्यान रखने योग्य है कि ब्रिज लोन पर लिया जाने वाला ब्याज अमूमन लंबी अवधि के होम लोन से ज्यादा होता है।
इस लोन के लिए लोन एप्लीकेशन फॉर्म भरना होता है। फॉर्म भरने के बाद अपने आय से जुड़े कागजात, पहचान पत्र, पते का प्रमाण पत्र और फोटो लगाकर जमा करना होता है।
सिक्योरिटी से जुड़ी बात
ब्रिज लोन के तहत नई प्रॉपर्टी की लागत का 70 फीसद से 90 फीसद लोन मिलता है। हालांकि, यह रकम आवेदक की आय पर भी निर्भर करती है।
ग्राहक ईएमआई देकर लोन की रकम चुका सकते हैं। बैंक लोन को नई प्रॉपर्टी पर दे सकते हैं। प्रॉपर्टी को सिक्योरिटी के तौर पर रखने के लिए कह सकते हैं। अगर ग्राहक लोन नहीं चुका पाता है तो बैंक प्रॉपर्टी जब्त कर लेता है।