भोपाल राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । भोपाल सत्ता में वापसी के बाद युवाओं के रोजगार को लेकर प्रदेश की शिवराज सरकार गंभीर हो चली है। आए दिन युवाओं के हित में बड़े बड़े फैसले और ऐलान किए जा रहे है।इसी कड़ी में आज मंगलवार को ‘एम्प्लॉईबिलिटी कॉन्क्लेव-2020″का आयोजन किया जा रहा है ,ताकी तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा रोजगार, कौशल और उद्यमिता में कैसे सुधार लाया जा सके इसको लेकर चर्चा की जाएगी।
इसमें कई छोटे-बड़े उद्योगपति शामिल होंगे और प्रदेश में नई अवसरों को लेकर चर्चा की भी जाएगी। इस “वर्चुअल इंडस्ट्री अकादेमिया मीट”का शुभारंभ तकनीकी शिक्षा कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया करेंगी। तकनीकी शिक्षा, सीआईआई-यंग इंडियंस और नैसकॉम के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में डॉ. क्रिस सोटिरोपौलस सीईओ सीओसी मेलबोर्न, डॉ. ग्रेग मुनरो सेक्रेटरी जनरल पीएलजीएफ लंदन के अलावा सिस्को से मुरूगन वासुदेवन एवं ईश्विंदर सिंह, कॉग्निजेंट से सुश्री माया श्रीकुमार, नैसकॉम से कीर्ति सेठ, परसिस्टेंट से समीर बेंद्रे, प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा केरोलीन खोंगवार देशमुख, आयुक्त तकनीकी शिक्षा श्री पी. नरहरि, संचालक कौशल विकास श्री एस. धनराजू इस अवसर पर विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे।
इन मुद्दों पर होगी चर्चा
“एम्प्लाईबिलिटी कॉन्क्लेव” Employability Conclave -2020 में शैक्षणिक संस्थानों की उद्योगों की बदलती जरूरतों के अनुसार रोजगारपरक स्नातकों में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने में क्या भूमिका निभानी चाहिए।
निकट भविष्य में किस प्रकार के कौशल की मांग होगी।
उद्योगों के संभावित क्षेत्र जो भविष्य में प्लेसमेंट के अवसर पैदा करेंगे।
तकनीकी शिक्षा कैसे आईटी, हेल्थ केयर तथा रिटेल आदि क्षेत्रों में डिजिटल नौकरियो के लिए युवाओं को तैयार कर सकती है।
अगले 3 वर्षों में मध्यप्रदेश कैसे एक उच्च कौशल जन-शक्ति के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले ही घोषणा कर चुके है कि आने वाले समय में प्रदेश में सरकारी एवं गैर सरकारी क्षेत्रों में रोजगार के अधिक से अधिक अवसर सृजित किए जाकर सभी को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। यह शासन की उच्च प्राथमिकता का विषय है। सभी शासकीय रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्तियां की जाएंगी। सभी विभाग अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सृजित करने संबंधी कार्रवाई तत्परता से करें।मुख्यमंत्री चौहान ने विभिन्न विभागों को निर्देश दिए थे कि आगामी एक सप्ताह में रिपोर्ट तैयार करें कि उनके विभाग से संबंधित गैर सरकारी क्षेत्रों में रोजगार सृजित करने की क्या योजना है। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप तैयार किया जा चुका है, इसमें रोजगार सृजन पर विशेष जोर दिया गया है तथा इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाई गई है। हमें स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर ‘लोकल को वोकल’बनाना है।