राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । नागौर की पहली महिला सभापति मीतू बोथरा ने मंगलवार को दोपहर बाद कार्यभार ग्रहण कर लिया। उन्होंने सभापति की कुर्सी पर बैठने से पहले उसे हाथ जोड़कर प्रणाम किया। इस दौरान उनके साथ पति वह पार्षद नवरत्न बोथरा भी मौजूद रहे। पदभार ग्रहण करने के दौरान पार्षदों ने सभापति का माला पहनाकर स्वागत किया। नगर परिषद परिसर में बड़ी संख्या में समर्थक मौजूद रहे। नगर परिषद कर्मचारियों की ओर से भी सभापति बोथरा का अभिनंदन किया गया।
मीतू ने कांग्रेस की ममता भाटी को 8 वोटों से हरा दिया था। रोचक बात ये है कि 60 वार्डों में सर्वाधिक 27 पार्षद कांग्रेस के ही थे फिर भी बोर्ड निर्दलियों ने बना लिया। ममता की हार का बड़ा कारण बना उन्हीं की पार्टी से चुनकर आए पार्षदों की बगावत।
वार्ड 38 से नवरत्न बोथरा तथा 39 से उनकी पत्नी मीतू बोथरा ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और दोनों जीते। पत्नी मीतू ने पहली बार पार्षद चुनाव लड़ा और सीधे सभापति की कुर्सी तक पहुंच गई। पति पांच चुनाव लड़ चुके, जिसमें दो बार जीत दर्ज की।
कांग्रेस :बगावत करने वालों में 3 पदाधिकारी भी, होगी कार्रवाई
कांग्रेस से जीते 27 में से क्रॉस वोटिंग करने वाले पार्षदों पर कार्रवाई की तैयारी है। इनकी सूची तैयार कर हाई कमान काे भेजी जाएगी। कांग्रेस जिला महामंत्री मोतीलाल चंदेल ने बताया कि विपक्षी गुट ने खेमाबंदी जल्दी कर ली जो कांग्रेस के लिए बड़ी कमजोरी साबित हुई। उन्हाेंने माना कि टिकटाें के वितरण में कमी रही, जिससे पार्टी में सामंजस्य नहीं बैठा, जिससे पार्षद दूसरे खेमे में चले गए। कांग्रेस का नगर अध्यक्ष, ब्लॉक सचिव, पूर्व चेयरमैन सहित जिन 13 पार्षदों ने पार्टी के साथ गद्दारी की, उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रदेशाध्यक्ष व चुनाव प्रभारी को पत्र लिखा जाएगा।
यूथ कांग्रेस अध्यक्ष हनुमान बांगड़ा ने कहा- वो जनमत को स्वीकार करते हैं। 27 पार्षद होने के बावजूद पार्टी का बोर्ड नहीं बनना स्थानीय नेतृत्व की बड़ी कमजोरी है। पहले जिन्हें जिम्मेदारी सौंपी उन्होंने टिकट वितरण सही नहीं किया, फिर पार्टी पार्षदों को एकजुट रखने में असफल रहे। उल्लेखनीय है कि पहले ही दिन से कांग्रेस के 12 पार्षद निर्दलीय के खेमे में थे फिर भी पदाधिकारी कुछ नहीं कर पाए।