राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । रूस की अदालत ने शुक्रवार को गूगल पर 9.8 करोड़ डॉलर (करीब 739 करोड़ रुपए) का जुर्माना लगाया है। गूगल ने रूस में जो कंटेंट बैन उन्हीं को अपने सर्च इंजन पर दिखा रहा था और सरकार की चेतावनी के बाद भी उन कंटेंट को हटाया नहीं। जिसके बाद वहां की अदालत ने उस पर जुर्माना लगाया है। इसके अलावा, अदालत ने मेटा और इंस्टाग्राम पर भी इसी आरोप में 27.15 मिलियन डॉलर (205 करोड़ रुपए) का जुर्माना लगाया है।
इन प्लेटफॉर्म ने 2000 से ज्यादा बैन किए गए कंटेंट को नहीं हटाया। रूस ऐसे कंटेंट को बैन करता है, जिनमें नशीली दवाओं के इस्तेमाल, हथियारों और आतंकवाद को बढ़ावा मिलता है।
रूस ने इस साल टेक कंपनियों पर लगातार कड़े कदम उठाएं हैं। इसके पहले 2021 में ही गूगल को 400,000 अमेरिकी डॉलर (करीब 3 करोड़ रुपए) से ज्यादा का जुर्माना लग चुका है। साथ आधिकारिक तौर पर 13 विदेशी टेक कंपनियों को 1 जनवरी, 2022 तक रूस में रहने का अल्टीमेटम भी दिया है। इनमें से ज्यादातर कंपनियां अमेरिका देश की हैं। यह भी बोला है कि यदि वे ऐसा नहीं करेंगी तो कंपनियों को देश में हमेशा के लिए बैन कर दिया जाएगा।
गूगल ने कहा है कि वह अदालत के आदेश को स्टडी करेगा। उसके बाद ही वह अपने अगले कदम पर फैसला करेगा। गौरतलब है कि रूसी अधिकारियों ने नशीली दवाओं के दुरुपयोग, हथियारों और विस्फोटकों से रिलेटेड कंटेंट को हटाने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगातार दबाव बढ़ाया है।
इस साल की शुरुआत में ही रूसी अधिकारियों ने जेल में बंद रूस सरकार के आलोचक एलेक्सी नवलनी के सपोर्ट में विरोध के बारे में घोषणाओं को नहीं हटाने के लिए टेक कंपनियों को दोषी ठहराया था। रूसी अदालतें इस साल गूगल, फेसबुक और ट्विटर पर भी जुर्माना लगा चुकी हैं। टेलीग्राम पर अदालत की प्रेस सर्विस ने कहा कि अमेरिकी फर्म पर 7.2 बिलियन रूबल (9.8 करोड़ डॉलर या 8.6 करोड़ यूरो) का जुर्माना लगाये जाने की जानकारी शेयर की है।
ऐसे निर्धारित किया गया जुर्माना
इस संबंध में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, जुर्माने की यह रकम गूगल की वार्षिक आय के प्रतिशत के आधार पर तय की गई थी। मेटा जिसकी इन्हीं आरोपों पर अदालत में सुनवाई हो रही है। उसको भी रेवेन्यू-बेस्ड जुर्माने की चेतावनी दी गई है।