राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि बैंकों को ज्यादा कस्टमर फ्रेंडली होना चाहिए। इससे लोन लेने वालों की झंझटें कम होंगी। वे बजट के बाद दो दिवसीय दौरे पर सोमवार को मुंबई पहुंचीं थीं।
इंडस्ट्री प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग में वित्तमंत्री ने कहा कि बैंकिंग बिजनेस को आसान बनाना चाहिए ताकि स्टार्टअप को आसानी से फंड मिल सके। इंडस्ट्री के लोगों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास का पुनरुद्धार केंद्रीय बजट 2022-23 की सर्वोच्च प्राथमिकता थी। कर्ज वसूली एक सबसे महत्वपूर्ण चीज है जिस पर हमें अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का पूरा लक्ष्य टिकाऊ पुनरुद्धार पर है। बजट में सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की योजना को जारी रखने के लिए पूंजीगत व्यय (कैपिटल खर्च) को 35.4% बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया है। यह निजी भागीदारी बढ़ाने के अलावा अर्थव्यवस्था में नए रोजगार पैदा करेगा। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे पर खर्च के लिए बजट प्रस्तावों से अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ेगा। यह बजट ऐसे समय में तैयार किया गया है जब अर्थव्यवस्था महामारी के प्रभाव से उबर रही है।
सीतारमण ने चर्चा के दौरान कहा कि सरकार खोजपरख को बढ़ावा देना चाहती है। इसके अलावा स्टार्टअप कंपनियों को भी सरकार का समर्थन जारी रहेगा। आज टेक्नोलॉजी की दम पर हम लोगों के घरों तक पहुंच सकते हैं और उनके अकाउंट्स में पैसा दे सकते हैं। पेमेंट सेवा के अलावा, केंद्र शिक्षा क्षेत्र, खेती, अन्य के लिए IT पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
इस मीटिंग में देश के सबसे बड़े बैंक SBI के चेयरमैन दिनेश खारा, इंडस्ट्री के लोग, रेवेन्यू सेक्रेटरी तरुण बजाज आदि शामिल थे। खारा ने कहा कि बैंक का फोकस डिजिटलाइजेशन के अंतिम छोर तक है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि लोगों को झंझटमुक्त अनुभव हो। उन्होंने कहा कि अगले महीने में बैंक पूरी तरह से डिजिटल उधारी पर फोकस करेगा। खारा ने कहा कि यह बहुत ही सामान्य नजरिया है कि बैंक कर्ज मंजूर नहीं करते हैं।