राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। हम जब भी अकेले होते हैं तो उस समय मन में नकारात्मक विचार बढ़ने लगते हैं। एकांत में विचारों पर काबू रखेंगे तो मन इधर-उधर नहीं भटकेगा और सकारात्मकता बनी रहेगी। जब हम सभी के साथ हों तो बोलते समय अपने शब्दों पर ध्यान रखना चाहिए, वर्ना गलत शब्दों के उपयोग से रिश्ते बिगड़ सकते हैं। रिश्तो में भावनाओं हो तो रिश्ते टूंते नही है रिश्तों में अगर स्वार्थ होगा तो रिश्ते टिक नही पाते , सही निर्णय लेना बड़ी योगिता नहीं है निर्णय लेकर उसे सही साबित करना बड़ी योग्यता है, गुस्से में कभी भी गलत बातें नहीं बोली चाहिए क्योंकि गुस्सा तो थोड़ी देर में शांत हो जाता है लेकिन बोली हुए बाते वापस नही आती ओर उसका असर ज़िंदगी भर रहे जाता है