राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। ग्वालियर में बैठकर 250 अमेरिकन को ठगा क्राइम ब्रांच ने एक ऐसी गैंग को पकड़ा है, जो सिर्फ अमेरिकन लोगों को ठगती थी। यह गैंग ग्वालियर में रहकर फेक कॉल सेंटर चला रही थी। 22 साल की मोनिका ZOOM ऐप के जरिए लोन देने के नाम पर VIDEO कॉल करती थी। अपना कमीशन इंटरनेशनल गिफ्ट वाउचर के रूप में लेती थी। यह वाउचर उसके साथी शॉपिंग में कैश करा लेते थे। पुलिस ने उसके 6 साथियों को भी अरेस्ट किया है। गैंग के मेंबर खुद को लैंडिंग क्लब अमेरिकन कंपनी का एजेंट बताते हुए लोन दिलवाने का झांसा देते थे। वैसे तो गैंग में 7 सदस्य हैं, लेकिन 22 साल की मोनिका का मेन रोल रहता था। वह अपनी मीठी आवाज और मासूम चेहरे से अमेरिकंस को इम्प्रेस कर लेती थी। अब तक 250 अमेरिकंस को ठगने के केस सामने आ चुके हैं। संख्या बढ़ भी सकती है। SSP ग्वालियर अमित सांघी को बहोड़ापुर के आनंद नगर के एक मकान में फ्रॉड इंटरनेशनल कॉल सेंटर चलने की शिकायत मिली थी। जांच ASP क्राइम राजेश दंडोतिया को सौंपी गई। उन्होंने क्राइम ब्रांच के एक सदस्य को उस ठिकाने पर तस्दीक के लिए भेजा। मामला सही पाया गया तो क्राइम ब्रांच की टीम पहुंची। जब पुलिस मकान के अंदर पहुंची तो ठग लैपटॉप और मोबाइल के जरिए अमेरिकन से बात करते हुए मिले। पुलिस ने लैपटॉप, मोबाइल, रजिस्टर व अन्य सामान भी जब्त किया है। कॉल सेंटर का संचालन अहमदाबाद में रहने वाला मास्टरमाइंड अपने सहायक के साथ मिलकर करता है। उसने यह मकान कॉल सेंटर के लिए किराए पर लिया था। पुलिस ने धोखाधड़ी और IT एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। ठगों की गैंग ZOOM ऐप सॉफ्टवेयर के जरिए खुद को लैंडिंग क्लब अमेरिकन कंपनी का एजेंट बताकर US के नागरिकों से बात करते थे। मोनिका VIDEO कॉल के जरिए उनको जाल में फंसाती थी। ठगों ने बताया कि कॉल सेंटर संचालक हमें विदेशी लोगों के कॉन्टैक्ट नंबर उपलब्ध कराता था, फिर वे लोग विदेशी लोगों से लोन दिलवाने का झांसा देकर उनका सिक्योरिटी नंबर और बैंकिंग डिटेल लेते थे। उसको वेरिफाई करने के नाम पर उनसे कमीशन के रूप में इंटरनेशनल गिफ्ट वाउचर ले लिया करते थे। इन गिफ्ट वाउचर को गिरोह का मास्टरमाइंड शॉपिंग के जरिए कैश में बदल लेता था। हमारे टारगेट पर सिर्फ विदेशी और विशेषकर अमेरिकंस होते थे।