राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । आज देशभर में कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है। 1999 में कारगिल की पहाड़ियों में लगभग 60 दिनों तक भारत और पाकिस्तान के बीच चले युद्ध में आज ही के दिन भारत की जीत हुई थी। हालांकि इस जीत की बड़ी कीमत देश ने चुकाई थी। हमने युद्ध में 500 से ज्यादा वीर सैनिकों को खो दिया था।
इन्हीं वीर जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए 26 जुलाई को देश के अलग-अलग जगहों पर कई कार्यक्रम होते हैं। आज भी सेना प्रमुखों समेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से लेकर राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने शहीदों को याद करके श्रद्धांजलि दी।
कारगिल युद्ध यानी ऑपरेशन विजय
साल 1999 में पाकिस्तानी आतंकी और सैनिक कारगिल की पहाड़ियों में घुस आए थे, जिसके बाद भारतीय सेना ने इनके खिलाफ ‘ऑपरेशन विजय’ चलाया था। कारगिल की हजारों फीट ऊंची चोटियों पर दुश्मन और हमारी फौज नीचे। दोनों ओर गहरी खाई और एकदम सीधी चढ़ान। ऊपर से माइनस तापमान की हाड़ जमा देने वाली ठंड। यानी सब कुछ दुश्मन के फेवर में, लेकिन हमारे रणबांकुरे तो सिर पर कफन बांध कर निकले थे। तिरंगा उनका आराध्य और वतन की हिफाजत सबसे बड़ी पूजा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कारगिल विजय दिवस के मौके पर देश के वीर सपूतों को नमन किया है। PM मोदी ने कहा कि कारगिल विजय दिवस मां भारती की आन-बान और शान का प्रतीक है। इस अवसर पर मातृभूमि की रक्षा में पराक्रम की पराकाष्ठा करने वाले देश के सभी साहसी सपूतों को मेरा शत-शत नमन।
थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और थल सेना प्रमुख ने दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और शहीद हुए जवानों को नमन किया।
लद्दाख के द्रास में 1999 के कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को कारगिल युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि दी गई। लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि भारतीय सेना का हर जवान देश की सुरक्षा के लिए समर्पित है और किसी भी चुनौती का सामना करने और किसी भी बलिदान के लिए हमेशा तैयार है।