राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। चीन के आईफोन प्लांट में कड़ी कोरोना पाबंदियों को लेकर हिंसा शुरू हो गई है। झेंग्झौ में आईफोन बनाने वाले फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी के प्लांट में सैकड़ों कर्मचारी सुरक्षाकर्मियों से भिड़ गए। सोशल मीडिया पर इस हिंसा के कई वीडियो और फोटो भी सामने आ रहे हैं।
ब्लूमबर्ग ने इन फोटोज और वीडियोज के आधार पर एक रिपोर्ट भी दी है। इसमें कहा गया कि कोरोना के चलते प्लांट में एक महीने से कड़ी पाबंदियां हैं। कर्मचारी खाने, दवा और सैलरी को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
2 लाख से ज्यादा वर्क फोर्स, ज्यादातर आइसोलेशन में हैं
इस आईफोन सिटी में 2 लाख से ज्यादा की वर्कफोर्स है। इनमें से ज्यादातर को आइसोलेशन में रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इतना ही नहीं इन्हें लंबे समय से बेहद साधारण खाना मिल रहा है और दवाओं के लिए भी दूसरों पर निर्भर है। ऐसे में कई लोग पिछले महीने प्लांट से भाग गए। फॉक्सकॉन और स्थानीय सरकार ने अब नए कर्मचारियों को बुलाने के लिए ज्यादा मजदूरी और अच्छी वर्क कंडीशन का वादा किया है।
एपल के लिए वॉर्निंग
चीन में फॉक्सकॉन की स्थिति एपल के लिए वॉर्निंग की तरह है। ये एपल को याद दिला रहा है वो चीन पर निर्भर नहीं रह सकता। चीन की इस फैक्ट्री में हर मिनट लगभग 350 आईफोन का उत्पादन किया जा सकता है। झेंग्झौ में फॉक्सकॉन की फैसिलिटी 2.2 वर्ग मील में फैली हुई है और इसमें 3,50,000 कर्मचारी काम कर सकते हैं। झेंग्झौ में जहां फॉक्सकॉन का प्लांट है उसे आईफोन सिटी भी कहा जाता है।