राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । आर्थर रोड जेल में बंद महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री रहे अनिल देशमुख को आज जमानत पर रिहा कर दिया गया। उन पर मुंबई पुलिस कमिश्नर से सौ करोड़ रुपए की वसूली का आरोप लगाया था। देशमुख एक साल एक महीने 27 दिन बाद जेल से बाहर आए हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट ने 12 दिसंबर को एक लाख रुपए के मुचलके पर सशर्त जमानत दी थी। सीबीआई के अनुरोध पर जमानत आदेश 27 दिसंबर तक रोका था। लेकिन, मंगलवार को कोर्ट ने रोक का समय बढ़ाने की मांग खारिज कर दी थी
जेल से निकलते वक्त जयंत पाटिल, सुप्रिया सुले, अजित पवार, छगन भुजबल समेत कई नेता अनिल देशमुख को रिसीव करने पहुंचे। अनिल देशमुख जेल से बाहर आने के बाद कहा- मुझे झूठे केस में फंसाया गया था। सचिन वझे के आरोप में सच्चाई नहीं है। पुलिस और सीबीआई मेरे खिलाफ सबूत पेश नहीं कर पाई। मुझे झूठे केस में 14 महीने जेल में रखा गया।
• ये मामला मनी लॉन्ड्रिंग और वसूली के आरोपों से जुड़ा है। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख ने गृहमंत्री रहते हुए सचिन वझे से हर महीने 100 करोड़ रुपए देने की मांग की थी।
• इस मामले में CBI ने अनिल देशमुख के खिलाफ FIR दर्ज की थी। ED ने CBI की FIR के आधार पर कार्रवाई की है। आरोप है कि देशमुख जब महाराष्ट्र के गृहमंत्री थे तब उन्होंने बार और रेस्टोरेंट मालिकों से 4.7 करोड़ रुपए वसूले थे। ये रकम दिसंबर 2020 से फरवरी 2021 के दौरान वसूली गई थी और इस रकम को मुंबई पुलिस के असिस्टेंट इंस्पेक्टर सचिन वझे के जरिए वसूला गया था।
• ED के मुताबिक, इस रकम में से 4.18 करोड़ रुपए दिल्ली की 4 अलग-अलग शैल कंपनियों में जमा किए गए। इन कंपनियों ने इस रकम को श्री साई शिक्षण संस्थान नाम के एक ट्र्स्ट को डोनेट कर दिया। इस ट्रस्ट को अनिल देशमुख और उनका परिवार ही चलाता है। यानी वसूली का पैसा शैल कंपनियों के जरिए देशमुख के ट्रस्ट में ही इस्तेमाल किया गया।
• देशमुख ने अपनी पत्नी आरती देशमुख के नाम पर मुंबई के वर्ली में एक फ्लैट खरीदा था। ये फ्लैट 2004 में नगद पैसे देकर खरीदा गया, लेकिन बिक्रीनामा फरवरी 2020 में साइन किया गया, जब अनिल देशमुख महाराष्ट्र के गृहमंत्री थे। ED इस मामले में भी जांच कर रही है।
• देशमुख परिवार की प्रीमियर पोर्ट लिंक्स नामक एक कंपनी में 50 फीसदी हिस्सेदारी है। ये हिस्सेदारी 17.95 लाख रुपए में खरीदी गई, जबकि कंपनी और उसके बाकी एसेट की कीमत 5.34 करोड़ रुपए की है। इस मामले में भी ED जांच कर रही है।