राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । पाकिस्तान में हिंदू और सिख लड़कियों के अपहरण और जबरदस्ती धर्म परिवर्त के मामले सामने आते रहते हैं। भारत समेत दुनिया भर में इसके खिलाफ आवाजें भी उठती रही हैं। लेकिन अब एक पाकिस्तानी फिल्म मेकर ने ही इस नर्क की हकीकत को बयां किया है।
सिंध के हिंदू लड़कियों के अपहरण और जबरन निकाह पर बनी उनकी फिल्म को प्रतिष्ठित ‘कान्स वर्ल्ड फिल्म फेस्टिवल’ में ‘बेस्ट फिल्म’ का अवॉर्ड मिला है।
सिंध की 4 लड़कियों की रियल लाइफ स्टोरी है ये फिल्म
फिल्म ‘द लूजिंग साइड’ सिंध की 4 हिंदू लड़कियों की रियल लाइफ स्टोरी पर आधारित है। जिनका अपहरण के बाद जबरन मुस्लिम शख्स से निकाह करा दिया गया। इस फिल्म को ‘ह्यूमन राइट’ कैटेगरी में बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड मिला है। फिल्म के डायरेक्टर जावेद शरीफ खुद भी पाकिस्तानी हैं। उनकी इस फिल्म को और भी कई अवॉर्ड मिल चुके हैं।
आम तौर पर जब किसी देश की कोई फिल्म इंटरनेशनल अवॉर्ड जीतती है तो वह उस देश और वहां के नागरिकों के लिए गर्व का विषय होता है। लेकिन पाकिस्तान में ऐसा नहीं है। इस फिल्म को लेकर पाकिस्तानियों की राय मिली-जुली है। ह्यूमन राइट्स के पैरोकार जहां डायरेक्ट जावेद शरीफ की तारीफ कर रहे हैं। तो वहीं कट्टरपंथी जावेद पर पाकिस्तान में दुनिया में बदनाम करने का आरोप लगा रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी डायरेक्टर के खिलाफ मुहिम चलाया जा रहा है।
पाकिस्तान में हिंदू-सिख लड़कियों की वास्तविक हकीकत जावेद शरीफ की फिल्म ‘द लूजिंग साइड’ के अलग नहीं है। मूवमेंट ऑफ सॉलिडेरिटी एंड पीस की एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में हर साल लगभग 1000 अल्पसंख्यक लड़कियों का निकाह उनसे उम्र में काफी बड़े मुस्लिम पुरुषों के साथ जबर्दस्ती कर दिया जाता। इनमें से कई की उम्र तो बस 10 से 12 साल होती है। जबकि उनका निकाह 30-35 साल के या उससे भी उम्रदराज शख्स से करा दिया जाता है।
इन लड़कियों में सबसे बड़ी संख्या सिंध के हिंदुओं की होती है। अमेरिका ने इसके चलते पाकिस्तान को अल्पसंख्यक सुरक्षा के मामले में ‘गंभीर चिंता’ वाले देशों की श्रेणी में शामिल रखा है। लेकिन पाकिस्तान में इसे रोकने के लिए कोई ठोस कानून नहीं बना है। 2016 में पाकिस्तान के सिंध प्रांत ने जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ एक कानून पास किया। लेकिन कट्टरपंथियों के विरोध के बाद सरकार ने इस कानून वापस ले लिया गया।