राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। 2 दिन के दौरे पर मिस्र पहुंचे PM मोदी ने राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी से मुलाकात की। सीसी ने उन्हें मिस्र के सर्वोच्च राजकीय सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ नाइल’ से सम्मानित किया। इसके पहले मोदी ने 11वीं सदी की अल-हाकिम मस्जिद का दौरा किया। इसे भारत के बोहरा समुदाय की सहायता से दोबारा बनाया गया है।
प्रधानमंत्री हेलियोपोलिस स्मारक भी गए। यहां उन्होंने पहले विश्व युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। यह स्मारक राष्ट्रमंडल ने बनवाया है। यह उन 3,799 भारतीय सैनिकों को समर्पित है, जिन्होंने इजिप्ट में प्रथम विश्व युद्ध के में अपनी जान गंवा दी थी।
मोदी इजिप्ट के प्रधानमंत्री के साथ पिरामिड देखने भी गए। ये पिरामिड दुनिया के सात अजूबों में शामिल हैं। करीब आधे घंटे तक मोदी ने इन पिरामिड्स के बारे में जानकारी ली।
इजिप्ट में इसे ‘किलादात अल नाइल’ कहा जाता है। 1915 में इसकी शुरुआत सुल्तान हुसैन कामिल ने की थी। यह अवॉर्ड उन लोगों को दिया जाता है, जिन्होंने देश सेवा में अहम योगदान दिया हो। 1953 में मिस्र गणतंत्र बना और इसके बाद ‘ऑर्डर ऑफ नाइल’ को देश के सर्वोच्च सम्मान का दर्जा दिया गया। इसमें जो नाइल शब्द है, वो दरअसल नील नदी से जुड़ा है। इस अवॉर्ड की चार कैटेगरीज हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दो दिन के दौरे पर इजिप्ट पहुंचे। मोदी को एयरपोर्ट पर वहां के प्रधानमंत्री ने रिसीव किया। उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। 1997 के बाद पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री मिस्र पहुंचा है। मोदी यहां भारतीय मूल के लोगों से मुलाकात की।
मिस्र में भारत के एंबेसडर अजीत गुप्ते ने कहा कि भारत और मिस्र के व्यापारिक संबंध चार हजार साल पुराने हैं। PM मोदी की इस यात्रा से संबंध और मजबूत होंगे।