राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल के संदेशखाली मामले की जांच CBI से करवाने के निर्देश दिए हैं। संदेशखाली की महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेताओं पर कथित रूप से यौन उत्पीड़न और जबरन जमीन कब्जे का आरोप लगाया है। मामले में शाहजहां शेख, शिबू हाजरा और उत्तम सरदार आरोपी हैं। तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
संदेशखाली से जुड़ी 5 जनहित याचिकाओं पर बुधवार को चीफ जस्टिस टीएस शिवज्ञानम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य की बेंच ने सुनवाई की। बेंच ने कहा कि कोर्ट की निगरानी में CBI जांच होगी। CBI जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपेगी। मामले की अगली सुनवाई 2 मई को होगी।
कोर्ट के आदेश के बाद अब राज्य की ममता बनर्जी सरकार CBI जांच पर रोक नहीं लगा पाएगी। दरअसल, राज्य से जुड़े किसी भी मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी CBI की इन्क्वायरी के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी होती है। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब इसकी जरूरत नहीं होगी।
पश्चिम बंगाल सरकार ने 16 नवंबर, 2018 को राज्य में जांच और छापेमारी करने के लिए CBI को दी गई ‘सामान्य सहमति’ वापस ले ली थी। उस समय चीटफंड घोटाले को लेकर ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया था।
बंगाल पुलिस ने CBI के कुछ अधिकारियों को हिरासत में भी ले लिया था। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था। उस समय पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि उसे कोर्ट के आदेश पर हो रही CBI जांच पर कोई आपत्ति नहीं होगी।