राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी और उपन्यासकार नियाज खान ने अपना सरनेम हटाने का फैसला किया है। उन्हें लगता है कि उनका सरनेम ‘खान’ उनकी “वैश्विक साहित्यिक पहचान” में बाधा बन रहा है और उन्होंने घोषणा की कि वह अपनी आगामी पुस्तकों में “अपनी धार्मिक पहचान को छिपाने” के लिए माइकन ए नाम का इस्तेमाल करेंगे।
वर्तमान में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में उप सचिव के रूप में कार्यरत नियाज खान का कहना है कि उन्होंने पिछले सात वर्षों में यूएसए और यूके में अपनी पुस्तकों के लिए प्रकाशक न मिलने से निराश होकर यह निर्णय लिया है। वह प्रकाशकों से अपने पुराने उपन्यासों में लेखक के नाम के तौर नियाज खान के बजाय माइकन ए लिखवाएंगे।
ब्राह्मण द ग्रेट और वॉर ऑफ कलियुग जैसे चर्चित उपन्यास लिख चुके आईएएस अधिकारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी अपनी पहचान बदल दी है और ‘माइकन ए’ नाम को अपना लिया है। उन्होंने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘अब मेरी सभी किताबें MAIKAN A के नाम से आएंगी। यह नाना द्वारा बचपन में दिया गया pet name है। खान नाम से मेरा साहित्यिक नुकसान हुआ है।’
उन्होंने आगे लिखा कि जब-जब यूएसए और यूके में मेरी बुक (प्रकाशन के लिए) भेजी गई] वो सब खान नाम होने से रिजेक्ट हो गईं। मेरी पिछली दस किताबों पर भी यही नाम आएगा। अब साहित्य की दुनिया में यही मेरा पहचान होगी। गोरा समाज नहीं चाहता कि हम अश्वेत अंग्रेजी साहित्य में बड़ा मुकाम हासिल करें।