राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । शरीर को यदि समय पर संतुलित-पौष्टिक भोजन मिलता रहे और हर रूटीन लय-ताल में रहे तो शरीर भी सुचारू रूप से काम करता रहता है। लेकिन कई बार यह होता है कि हम जानते-बूझते अपनी कुछ आदतों से शरीर के लिए परेशानी खड़ी करने लगते हैं। ऐसा ही कुछ होता है जब शरीर में शांति से रह रहे पैंक्रियास को हम परेशान करते हैं। पैंक्रियास, पेट में पीछे की ओर एक छोटा सा अंग होता है। यह आपके पाचन और हार्मोन्स से संबंधित कार्यों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जो भी हम खाना खाते हैं तो पैंक्रियास उसे कोशिकाओं के लिए ईंधन के रूप में बदलने में मदद करता है, पाचन को सुचारू बनाता है तथा खून में शुगर की मात्रा को व्यवस्थित बनाए रखता है। क्योंकि यह अंग पाचन में मदद करने वाले एन्जाइम्स और इन्सुलिन का उत्पादन करता है, ऐसे में इसे होने वाली कोई भी दिक्कत पाचन में गड़बड़ी, खून में शुगर की मात्रा बढ़ने और हार्मोन असंतुलन जैसी समस्याओं का कारण बन सकती है। सुबह का नाश्ता स्किप कर देना, काम की जल्दबाजी में भूखे रह जाना, कड़क डायटिंग के चक्कर में खाना छोड़ देना, कठिन व्रत-उपवास करना, ये वे सब कारण हैं जो आपके शरीर पर बुरा असर डालते हैं। डॉक्टर अक्सर यह चेतावनी देते हैं कि भरपेट खाने से आपको उतनी दिक्क्त नहीं होगी जितनी भूखे रहने से होगी। डायबिटीज के पीछे भी यह एक बड़ा कारण बन सकता है। जब आप भूखे रहते हैं तो आपका लिवर इसे झेल नहीं पाता और बहुत अधिक मात्रा में कोलेस्ट्रॉल बनाने लगता है। यह कोलेस्ट्रॉल आगे जाकर पथरी रूप ले लेता है और पैंक्रियाज में अटक जाता है। इसलिए कोशिश करें कि भले ही कम भोजन करें लेकिन एकदम भूखे न रहें। खासकर रात को खाली पेट बिलकुल न सोएं। दर्दनिवारक, एसिडिटी दूर करने की गोलियां या अन्य ओवर द काउंटर दवाइयां जो अक्सर लोग अपने मन से ले लेते हैं, इनकी आदत सबसे बुरा प्रभाव लिवर और पैंक्रियास पर ही छोड़ती हैं। इनकी वजह से इन दोनों ही अंगों को गंभीर क्षति पहुंच सकती है। इनके अलावा कोलेस्ट्रॉल की मात्रा का बढ़ना, सिगरेट और शराब का सेवन जैसी आदतें भी पैंक्रियास के काम में बाधा डाल सकती हैं। इनसे लिवर और पैंक्रियास दोनों को ही गंभीर खतरा पहुंच सकता है।