राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि | गड़बड़ी, खान-पान में पोषकता की कमी, अधिक तनाव और कुछ आनुवांशिक कारकों के चलते कई लोगों में बहुत ही कम उम्र में गंजेपन की समस्या देखी गई है। यह न सिर्फ आपके लुक को बिगाड़ देती है साथ ही जिन लोगों को यह दिक्कत होती है इसका उनके आत्मविश्वास पर भी नकारात्मक असर होता है। हालांकि अब ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है, हालिया अध्ययन में वैज्ञानिकों ऐसे तरीके की खोज की है जिनसे आने वाले समय में गंजेपन को पूरी तरह आसानी से ठीक किया जा सकेगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे वैश्विक स्तर पर करोड़ों लोगों को गंजेपन की समस्या से छुटकारा मिल सकेगा।
असल में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने बालों के रोम में प्रमुख रसायन और प्रोटीन की खोज की जिससे गंजेपन को ठीक किया जा सकते हैं। इतना ही नहीं ये रसायन शरीर में होने वाले किसी भी प्रकार के घाव को भी भरने में तेजी से सहायक हो सकते हैं। शोधकर्ता बताते हैं कि पुरुषों और महिलाओं में बालों के झड़ने की समस्या के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। बालों के झड़ने को एंड्रोजेनिक एलोपीसिया के तौर पर जाना जाता है। पुरुषों में, गंजेपन के पैटर्न में आनुवंशिकी, थायराइड की समस्याएं, विभिन्न रोगों की दवा और आहार संबंधी विकार शामिल हैं। हालांकि, महिलाओं के पूरी तरह से गंजे होने की आशंका कम होती है, लेकिन सिर पर पैच के साथ बाल पतले और गिरने की समस्या हो सकती है। टीजीएफ-बीटा प्रोटीन के माध्यम से इस तरह की समस्या को ठीक किया जा सकता है। अध्ययनकर्ताओं ने बताया, टीजीएफ-बीटा की दो विपरीत भूमिकाएं होती हैं। यह बालों के रोम के विकास में बढ़ावा देने के साथ पोषण में सहायक हो सकता है और बाद में यह एपोप्टोसिस को ऑर्केस्ट्रेट करने में मदद करता है। यह शरीर को उन कोशिकाओं से मुक्त करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है जिनकी फिलहाल आवश्यकता नहीं है। ऐसे में यह शरीर को खतरनाक कोशिकाओं से बचाने के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकता है।