मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इंदौर के निजी अस्पतालों के खर्चों को नियंत्रित करने के निर्देश दिए थे। कलेक्टर मनीष सिंह ने इसके लिए सीएमएचओ और डॉक्टरों की एक टीम बनाई। इसने एक सप्ताह तक निजी अस्पतालों के खर्च का हिसाब-किताब लगाकर दरें तय की हैं।

इंदौर (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): कोई भी अस्पताल किसी मरीज से एक दिन में पीपीई किट के 1500 रुपये से अधिक नहीं ले सकेगा। इसमें सलाहकार डॉक्टर, प्रभारी ड्यूटी डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, हाउस कीपिंग, लैब तकनीशियन, सिक्योरिटी गार्ड आदि की किट शामिल रहेगी। कोरोना मरीजों के इलाज के नाम पर शहर के निजी अस्पतालों की मनमानी फीस और खर्च पर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने लगाम लगा दी है।
अस्पतालों में पीपीई किट से लेकर डॉक्टर की विजिट, भोजन, बेडशीट, रोगी गाउन, कमरों की सफाई, ऑक्सीजन सहित अन्य खर्चों की मानक दरें तय कर दी गई हैं।
दरों का निर्धारण इस तरह किया गया है कि सामान्य मरीजों के लिए भी यह खर्च भारी नहीं पड़े। मानक दरें तय होने से निजी अस्पतालों की मनमानी पर रोक लगेगी और मरीजों को राहत मिल सकेगी। कलेक्टर का कहना है कि दरें तय करने में शहर के बड़े कॉरपोरेट अस्पतालों के साथ ही छोटे अस्पतालों का भी ध्यान रखा गया है।
बायपेप एवं वेंटीलेटर दोनों उपकरणों का उपयोग करने पर अस्पताल प्रबंधन द्वारा जो कोविड शुल्क पहले लिया जाता था, वही अब भी लिया जा सकेगा। इसमें किसी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं हो सकेगी। अस्पताल ऑक्सीजन (हाई फ्लो ऑक्सीजन छोड़कर) के नाम पर 1,500 रुपये प्रतिदिन प्रति मरीज से ज्यादा नहीं ले सकेंगे। अगर मरीज को कुछ घंटों के लिए ही ऑक्सीजन दी जाती है तो उस मान से कम राशि ली जाएगी। हाई फ्लो ऑक्सीजन के लिए अधिकतम ढाई हजार रुपये प्रतिदिन प्रति मरीज लिया जा सकेगा।
शासन ने अस्पतालों से बायोमेडिकल वेस्ट एकत्रित करने वाली हॉस्विन एजेंसी को आदेशित किया है कि किसी भी अस्पताल/संस्थान से कोविड बायोमेडिकल वेस्ट के निष्पादन के लिए 45 रुपये प्रति किलो से ज्यादा नहीं ले सकेगी। कोविड मरीजों की जांच के लिए अस्पताल प्रबंधन द्वारा डॉक्टरों को बुलाया जाता है तो वे डॉक्टरों के हिसाब से जो परामर्श शुल्क मरीजों से ले रहे हैं, उसे अनिवार्य रूप से 7 से 10 दिन के भीतर संबंधित डॉक्टर को दे दें।
कोविड बायोमेडिकल वेस्ट के लिए अब शुल्क नहीं अब अस्पताल किसी भी मरीज से कोविड बायोमेडिकल वेस्ट के निपटान के नाम पर अलग से कोई रकम नहीं ले सकेंगे।
यह भी स्पष्ट किया गया है कि 28 अस्पतालों में 30 प्रतिशत बिस्तर पहले से कोविड के मरीजों के लिए आरक्षित रहेंगे। ये अस्पताल कोरोना के पहले यानी फरवरी-मार्च में जो रूम चार्ज ले रहे थे, उसमें अधिकतम 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकेंगे। अस्पताल और पैथालॉजी में सभी जांचें उसी दर पर होंगी, जो कोरोना से पहले थीं। दवाइयां और अन्य मेडिकल उपयोग की वस्तुएं मरीज की वास्तविक आवश्यकतानुसार एवं वर्तमान बाजार दर अनुसार ही प्राप्त की जा सकेंगी।
कोविड के नाम पर नहीं वसूल सकेंगे अतिरिक्त रकम कोई भी निजी अस्पताल कोविड के नाम पर मरीजों से अतिरिक्त राशि वसूल नहीं कर सकेगा।