राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान बड़ा धमाका हुआ। इसमें तालिबान के सबसे बड़े धर्मगुरुओं में से एक मुल्ला मुजीब उर रहमान अंसारी मारा गया। घटना गाजारघ शहर की है। पिछले महीने भी तालिबान का एक बड़ा नेता मारा गया था। माना जा रहा है कि इस हमले के पीछे ISIS के खुरासान ग्रुप (ISKP) का हाथ है। तालिबान ने अब तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गाजाघर की मस्जिद में कुल 2 ब्लास्ट हुए। इस दौरान जुमे की नमाज चल रही थी। मुल्ला मुजीब ही इस मस्जिद का मुख्य इमाम था। धमाका उसके सामने वाली कतार में हुआ। माना जा रहा है कि यह फिदायीन हमला था और इसमें दो लोग शामिल थे।
दूसरा धमाका तब हुआ, जब लोग बाहर की तरफ भाग रहे थे। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुल्ला मुजीब चंद घंटे पहले हेरात में एक इकोनॉमिक कॉन्फ्रेंस में शिरकत के बाद सीधे मस्जिद पहुंचा था। इस बारे में उसके सेक्रेटरी ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
मुल्ला मुजीब को तालिबान के सबसे क्रूर नेताओं में से एक माना जाता था। वो लड़कियों की शिक्षा और उनके घर से निकलने का सख्त विरोधी था। करीब दो महीने पहले उसने एक फतवा जारी किया था। इसमें कहा गया था- अगर तालिबान शासन का कोई भी विरोध करता है या हुक्म नहीं मानता तो उसकी सजा सिर्फ यह होगी कि उसका सिर कलम कर दिया जाए। खास बात यह है कि इस फरमान या फतवे को तालिबान के ही प्रवक्ता ने मुजीब की निजी राय बताते हुए खारिज कर दिया था।
ISKP पर शक क्यों?
हेरात में बुधवार को ही तालिबान और ISIS के खुरासान ग्रुप यानी ISKP के बीच खूनी झड़प हुई थी। इस हमले में ISKP के 3 आतंकी मारे गए थे। इसके बाद खुरासान ग्रुप ने कहा था कि वो इन मौतों का बदला जरूर लेगा।
15 अगस्त 2021 को अफगानिस्तान की हुकूमत पर कब्जा करने वाले तालिबान के लिए सबसे बड़ा खतरा ISKP ही माना जा रहा है। हेरात समेत मुल्क के कई हिस्सों में तालिबान और ISKP के बीच झड़पें हो रही हैं। अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान छोड़ते वक्त काबुल एयरपोर्ट पर जो धमाका हुआ था, उसके पीछे भी ISKP का ही हाथ था।