राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। पटाखे और जगमगाती रोशनी, इस त्योहार को काफी खास बनाते हैं। हालांकि इस उत्साव के बीच सभी लोगों को अपनी सेहत को लेकर भी विशेष सतर्कता बरतते रहने की आवश्यकता होती है। विशेषकर जिन लोगों को पहले से ही सांस की बीमारी-अस्थमा की शिकायत हो उनके लिए सावधानियां और भी जरूरी हो जाती हैं। पटाखों को जलाने से होने वाला धुआं अस्थमा, लंग फाइब्रोसिस, एलर्जिक राइनाइटिस और ब्रोंकाइटिस जैसी सांस की बीमारियों को ट्रिगर कर सकता है। अगर आपको भी इस तरह की कोई भी दिक्कत है तो दीपावली में विशेष सतर्कता बरतते रहें। जिन लोगों को पहले से ही सांस की बीमारी जैसे अस्थमा या सांस लेने में तकलीफ की दिक्कत रहती हो, उन्हें धुएं के संपर्क में आने से बचना चाहिए। इसके लिए आपका घर के भीतर ही रहना ज्यादा अच्छा माना जाता है। धुएं के संपर्क में आने के कारण सांस फूलने की दिक्कत हो सकती है, यह अस्थमा को ट्रिगर करने वाला माना जाता है। ऐसे में घर की भीतर रहकर आप इस तरह के जोखिमों को कम कर सकते हैं। हमेशा ध्यान रखें, किसी भी समस्या को बढ़ने से रोकने के लिए बचाव करते रहना बहुत आवश्यक माना जाता है। कोविड के इस दौर में वैसे तो सभी लोगों को लगातार मास्क पहनकर रखने की सलाह दी जाती है, पर अगर आपको सांस की तकलीफ-अस्थमा की दिक्कत है तो यह और भी आवश्यक हो जाता है। पटाखों से निकलने वाले धुएं से बचाव के लिए मास्क को काफी मददगार माना जाता है। N95 जैसे मास्क धुआं और प्रदूषण से बचाने में सहायक माने जाते हैं, ये अस्थमा अटैक के खतरे को कम कर सकते हैं। सांस के रोगियों को घर में भी दीपावली के दिन मास्क पहनने की सलाह दी जाती है। आपको अस्थमा की समस्या है तो किसी भी आपात स्थिति से बचाव के लिए पहले से ही दवाइयों-इनहेलर की व्यवस्था करके रखें। सांस फूलने जैसी दिक्कतों में इनहेलर से आसानी से आराम पाया जा सकता है। इसकी व्यवस्था पहले से ही कर लें। यदि आपको समस्या बढ़ती हुई नजर आती है तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। सांस की दिक्कतों को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है।