राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि/ मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ सरकार ने सेना के अग्निवीरों को राज्य पुलिस की भर्ती में आरक्षण देने की घोषणा की है। कारगिल विजय के 25 साल पूरे होने पर तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इसकी घोषणा की है। हालांकि आरक्षण कितना मिलेगा, इसकी जानकारी नहीं दी गई।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार को कहा कि अग्निवीर जब सेना में सेवा के बाद वापस आएंगे तो उन्हें राज्य पुलिस और फॉरेस्ट गार्ड की भर्ती में आरक्षण के साथ छूट दी जाएगी।
दो साल पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी BSF, CRPF, ITBP, SSB और CISF में अग्निवीरों को 10% आरक्षण देने की घोषणा की थी। वहीं हरियाणा और उत्तराखंड सरकार भी अग्निवीरों को 10% आरक्षण देने का फैसला कर चुकी हैं।
सेना में अग्निपथ योजना के जरिए अग्निवीरों की भर्ती को लेकर केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच टकराव चल रहा है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इसे बंद करने की मांग की है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी कहा कि INDIA गठबंधन की सरकार में इस योजना को बंद कर दिया जाएगा।
सरकार ने 2022 में अग्निपथ स्कीम लॉन्च की थी। इसके तहत आर्मी, नेवी और एयर फोर्स में चार साल के लिए नौजवानों को कॉन्ट्रैक्ट पर भर्ती किया जाता है। 4 साल में छह महीने की ट्रेनिंग भी शामिल है। चार साल बाद अग्निवीरों को उनकी कार्यक्षमता के आधार पर रेटिंग दी जाएगी। इसी मेरिट के आधार पर 25% अग्निवीरों को परमानेंट सर्विस में लिया जाएगा। बाकी लोग वापस सिविल दुनिया में आ जाएंगे।
इस स्कीम में ऑफिसर रैंक के नीचे के सैनिकों की भर्ती होगी। यानी इनकी रैंक पर्सनल बिलो ऑफिसर रैंक यानी PBOR के तौर पर होगी। इन सैनिकों की रैंक सेना में अभी होने वाली कमीशंड ऑफिसर और नॉन-कमीशंड ऑफिसर की नियुक्ति से अलग होगी। साल में दो बार रैली के जरिए भर्ती की जाएगी।
अग्निवीर बनने के लिए 17.5 साल से 21 साल का होना जरूरी है। साथ ही कम से कम 10वीं पास होना जरूरी है। 10वीं पास भर्ती होने वाले अग्निवीरों को 4 साल की सेवा पूरी करने के बाद 12वीं के समकक्ष सर्टिफिकेट दिया जाएगा।