राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। बाबा अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से शुरू हो रही है। पवित्र गुफा की ओर अमरनाथ यात्रियों का पहला जत्था शुक्रवार सुबह जम्मू से रवाना किया गया। तड़के करीब सवा चार बजे पूजा अर्चना के बाद उप राज्यपाल और अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष मनोज सिन्हा ने पहले जत्थे को रवाना किया।
इस दौरान जम्मू बेस कैंप में पूरा माहौल भोले के रंग में रंग गया। भक्तों ने भोले के जयकारे लगाकर यात्रा की शुरुआत की। इस बार यह यात्रा 62 दिन चलेगी। दरअसल, इस बार सावन दो महीने हैं।
पहले दिन कुल 2189 श्रद्धालुओं को बालटाल रूट के लिए टोकन जारी किया गया। इनमें से पंचायत भवन रजिस्ट्रेशन सेंटर पर 135 श्रद्धालुओं का बालटाल रूट के लिए तत्काल रजिस्ट्रेशन मिला।
बालटाल से राह आसान, 10 किमी चौड़ी रोड
बालटाल वाला छोटा रास्ता इस बार काफी डेवलप हो चुका है। 16 किमी के रूट पर 11 किमी रोड बनने से राह आसान हो चुकी है। हालांकि 5 किमी रास्ता अब भी संकरा है। यात्रा की सुरक्षा को पांच लेयर में बांटा गया है। गुफा के पास पहली बार ITBP मोर्चे पर है। 29 जून की शाम से मौसम बदलने लगा है। संभव है कि श्रद्धालुओं के पहले जत्थे का स्वागत बारिश से हो।
सिम से लेकर गर्म कपड़े और रेनकोट तक सब उपलब्ध
श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर यह है कि बालटाल में ही 350 से 550 रुपए में एक महीने की वैलिडिटी के साथ सिम खरीद सकते हैं। यह हाथों-हाथ चालू भी हो जाती है। लंगर के आसपास ही गर्म कपड़े और ट्रैकिंग के सामान के साथ रेनकोट, छाता सब उपलब्ध है। रुकने के लिए टेंट भी 500 रुपए रोज में मिल सकेगा।
इस बार सभी पड़ाव पर तंबाकू प्रोडक्ट्स की बिक्री और जंक या फ्राइड फूड पर पाबंदी होगी। दोनों रूट पर 120 लंगर हैं। हाई रिस्क वाले ढाई किमी रूट पर यात्रियों को हेलमेट लगाना अनिवार्य होगा। ये मुफ्त मिलेंगे।
स्पॉट रजिस्ट्रेशन संभव
यात्रा के लिए श्रीनगर आकर कैब के जरिये 98 किमी दूर बेस कैंप बालटाल पहुंचना होगा। ऑनस्पॉट रजिस्ट्रेशन जम्मू में शुरू हो चुके हैं।
बालटाल से शुरू के 800 मी. डामर सड़क बन गई है। आगे 2 किमी डोमेल तक पेवर ब्लॉक की सड़क है। वहां से बराड़ी तक 8 किमी कच्ची सड़क है। हालांकि इसे चौड़ा किया गया है। इससे आगे 5 किमी ढलान के साथ खड़ी चढ़ाई है। गुफा तक सड़क का काम जारी है।